नई दिल्ली। इस बात में कोई दोमत नहीं है कि आज भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाकर कमाल कर दिया है। जिसकी चौतरफा तारीफ हो रही है। क्या समर्थक, क्या विरोधक हर कोई भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर तारीफों की बारिश कर रहा है। भला तारीफों की यह बारिश हो भी क्यों न। हमने वो लम्हा भी देखा है कि जब देश कोरोना जैसी विकराल त्रासदी को झेल रहा था। जब हर दिन अस्पतालों से मौत की चित्कार पूरे देश को खौफजदा कर रही थी। हमने वो खौफजदा लम्हा भी देखा है, जब लोगों को यह डर सताता था कि कहीं आज का ये दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन बन जाए। उन दिनों को याद कर ऐसा लगता था कि शायद अब बाकी की जिंदगी खौफ के आलम में ही गुजारनी पड़ जाएगी, लेकिन हर रोज उखड़ती सांसों के बीच उम्मीदों का नया सूरज उगा जब वैक्सीन का ईजाद हुआ। लोगों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि अब कंब्खत इस कोरोना से निजात मिलेगी, लेकिन अभी चुनौतियां कहां पीछा छोड़ने वाली थी। अभी जालिम कोरोना ने अपना महज ट्रिजर ही दिखाया था।
अभी हमें इसका ट्रेलर भी देखना था और फिल्म भी। जिसे हमने आगे चलकर बखूबी देखा भी, लेकिन उस वक्त कोरोना की वैक्सीन हर रोज उखड़ती सांसों के बीच जिंदगी की एक नई चाहत बनी, लेकिन इस चाहत के बीच एक रोड़ा अटक रहा था कि आखिर इतनी बड़ी आबादी को कैसी लगेगी वैक्सीन? जिस देश की आबादी आए दिन अपने चरम पर पहुंचने पर आमादा हो रही है, तो भला ऐसे किसी देश में कैसे वैक्सीनेशन सफल होगा। यकीनन, सवाल तो वाजिब था, लेकिन केंद्र सरकार ने हार नहीं मानी और जिने ठाना था, वो कमाल दिखा कर ही दम लिया, लेकिन एक ऐसे वक्त में जब पूरे देश को नहीं, बल्कि देश को संचालित करने वाली सरकार को भी उत्साह की दरकार थी, लेकिन अफसोस विपक्षी दलों ने उस चुनौतिपूर्ण वक्त में भी सरकार को उत्साहित करने की जगह उसकी खामियां गिनानी शुरू कर दी। उस कठीन वक्त में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जगह विपक्ष ने सरकार को हमेशा निरुसाहित ही किया, लेकिन हर चुनौतियों को बौना साबित कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की आदि हो चुकी केंद्र की मोदी सरकार ने इन सभी बातों की परवाह किए बगैर आज वो मुकाम हासिल कर ही लिया है, जो निकट भविष्य में विपक्षी दलों के लिए बड़ा सबक साबित होगी।
आखिर 9 माह की मशक्कत के बाद केंद्र सरकार ने 100 करोड़ वैक्सीन की डोज लागकगर यह साबित कर ही दिया कि चुनौतियां कितनी भी विराट क्यों न हो, लेकिन हर चुनौतियों से निपटने की चाबी केंद्र सरकार के पास है। केंद्र सरकार ने अपनी गूढ कार्यशैली से विपक्षी समुदाय को रूबरू करवा कर यह साबित कर दिया है कि हर विषम परिस्थितियों से निपटने की क्षमता हम अपने अंदर बखूबी रखते हैं। जिसकी तारिफ आज पूरा देश तो कर ही रहा है, लेकिन विपक्षी दल भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में हर मसले को लेकर केंद्र सरकार को घेरने वाले शशि थरूर ने ट्वीट कर जो कहा है, वो इस समय खासा चर्चा में है। आइए, आपको दिखाते हैं कि उन्होंने अनपे ट्वीट में क्या कुछ कहा है।
यहां देखिए शशि थरूर का ट्वीट
This is a matter of pride for all Indians. Let’s give the Government credit. After severe mismanagement of the second #Covid wave & botching the vaccination orders that might have prevented it, Govt has now partly redeemed itself. It remains accountable for its earlier failures. https://t.co/34UHRWKfDa
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 21, 2021
उन्होंने अपने ट्वीट कहा कि , यह सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। आइए सरकार को श्रेय दें। दूसरी #कोविद लहर के गंभीर कुप्रबंधन और टीकाकरण के आदेशों को विफल करने के बाद, जो इसे रोक सकते थे, सरकार ने अब आंशिक रूप से खुद को भुनाया है। यह अपनी पिछली विफलताओं के लिए जवाबदेह है’। फिलहाल तो उनका यह ट्वीट काफी तेजी से वायरल हो रहा ह और होना भी क्यों नहीं चाहिए, क्योंकि यह वही विपक्ष है, जो कल तक केंद्र सरकार की आलोचना करने में मशगूल था और आज यही विपक्षी केंद्र सरकार के नाम की तारीफों के पुल बांध रहे हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि यह अपनी सियासी हित साधने के लिए परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं।