नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार के इस्तीफे के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच चुकी है। शरद पवार के समर्थक लगातार इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं। आज यानी 5 मई को एनसीपी के अगले अध्यक्ष को लेकर फैसला हो सकता है लेकिन इसी बीच शरद पवार की आत्मकथा ने सभी दलों को हिलाकर रख दिया है। पवार ने अपनी आत्मकथा में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उद्धव ठाकरे और कांग्रेस दोनों पार्टियों पर जमकर निशाना साधा है।
उद्धव की वजह से टूटी शिवसेना
शरद पवार ने आत्मकथा में भतीजे अजित पवार, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे को लेकर को लेकर काफी कुछ कहा। उद्धव ठाकरे को लेकर शरद पवार ने कहा कि जब वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे,तब तक उसके अंदर राजनीतिक चतुरता नहीं थी। शिवसेना भले ही पूरी मजबूती से अपनी बात रखती थी लेकिन उसका आधार मजबूत नहीं था। शरद ने आपातकाल का भी जिक्र किया, और कहा कि आपातकाल के समय शिवसेना ने इंदिरा गांधी का खुलकर समर्थन किया और विधान परिषद में 2 विधायक भी मिले लेकिन फिर भी उनकी विचारधारा तेज नहीं रही। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की वजह से ही शिवसेना टूट की शिकार हुई है।
हारी की मानसिकता की शिकार कांग्रेस
वहीं कांग्रेस को लेकर शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का रवैया अड़ियल टट्टू की तरह था। उन्होंने दबाव की राजनीति का सहारा लिया। हमारे प्रचार के बाद ही कांग्रेस को सत्ता में साझेदारी मिली और कांग्रेस का संख्या बल भी बढ़ा, लेकिन कांग्रेस हमेशा हारी हुई मानसिकता का शिकार रही। कांग्रेस को विपक्ष का बड़ा चेहरा और पार्टी माना जाता है लेकिन ये सिर्फ अपवाद है क्योंकि जब बाद विपक्षी एकता की आती है तो कांग्रेस का अहंकार सबसे पहले जागता है और वो बाकी विपक्षी पार्टियों को महत्व देना बंद कर देती है। उनके साथ सरकार बनाना और निभाना बहुत मुश्किल है।