लखनऊ। प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा के चीफ शिवपाल सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चाचा और भतीजे हैं। दोनों के बीच 2011 में दरार पैदा हो गई थी। शिवपाल को सपा से निकाल दिया गया था। अब चुनाव से पहले फिर अखिलेश और शिवपाल में पटरी बैठती दिखी। दोनों में मुलाकात हुई। लगा कि अब वे साथ रहेंगे, लेकिन अखिलेश लगातार जिस तरह शिवपाल को नीचा दिखा रहे हैं, उससे दोनों के बीच फिर खटास बढ़ने की खबरें हैं। प्रसपा के सूत्रों के मुताबिक अपनी लगातार अनदेखी से शिवपाल नाराज हैं और दोनों के बीच फिर अलगाव हो सकता है।
दरअसल, कई मुद्दों पर अखिलेश और शिवपाल के बीच सामंजस्य नहीं बैठ रहा है। इनमें बड़ा मसला टिकट का है। प्रसपा सूत्रों के मुताबिक शिवपाल सिंह ने अखिलेश से पहले 100 सीटों पर टिकट मांगे थे। इससे अखिलेश ने इनकार कर दिया। फिर बात होते होते मामला 9 सीटों पर टिकट का आया। अखिलेश ने चाचा शिवपाल की इस मांग को भी पूरा नहीं किया। सपा ने अब तक सिर्फ शिवपाल सिंह को ही जसवंतनगर सीट से लड़ाने का एलान किया है। शिवपाल ने पिछले चुनाव में जिन समर्थकों को टिकट दिया था, उन सभी को अखिलेश के साथ गठजोड़ के बाद टिकट नहीं मिल सका है। चाचा-भतीजे के बीच रिश्तों पर पानी फेरने का काम सपा की ओर से जारी स्टार प्रचारक की लिस्ट ने भी किया है। इस लिस्ट में भी शिवपाल का नाम नहीं है।
सबसे बड़ा पेच शिवपाल के बेटे आदित्य यादव की उम्मीदवारी को लेकर है। शिवपाल चाहते थे कि वो खुद गुन्नौर सीट से लड़ें और आदित्य को जसवंतनगर से लड़ाया जाए, लेकिन आदित्य का नाम भी अब तक सपा की लिस्ट में नहीं है। प्रसपा सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और शिवपाल के बीच रिश्तों पर ये मामला भी पानी फेर सकता है।