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Arif Mohammad: तो इन तीन चीजों की वजह से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे समझने लगते हैं गैर-मुस्लिमों को अपना दुश्मन, आरिफ मोहम्मद का बड़ा खुलासा

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बीते दिनों जब देवबंद के संदर्भ में सम्मेलन आयोजित किया गया था, तो मैंने उन्हें बधाई दी थी। इसके साथ ही यह सवाल भी किया था कि आखिर मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है, जिस पर पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला दिया गया था कि आतंकवाद पैदा हो रहे हैं, जिसके जवाब में कहा गया था कि दहशतगर्दी का कारण और धार्मिक सोच और मजहबी फिक्र है।

नई दिल्ली। जिस तरह से राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने की वजह से टेलर कन्हैयालाल को मौत के घाट उतार दिया गया था, उसे लेकर विभिन्न प्रकार के सवाल उठे थे और इन सवालों का उठाया जाना भी जरूरी है, अन्यथा हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। सवाल इस बात को लेकर कि आखिर ऐसे जेहादी मानसिकता वाले लोगों को कौन तैयार कर रहा है। इन लोगों के जेहन में किसी विशेष समुदाय के प्रति जहर कौन भर रहा है। आखिर क्यों इन लोगों को किसी समुदाय विशेष को इनका दुश्मन बनाते की कोशिश की जा रही है। आखिर ऐसा करने वाले कौन लोग हैं। इसी कड़ी में इन्हीं सब सवालों का जवाब देते  हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने बड़ा खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने मदरसों में दी जाने वाली तालिम की पूरी पोल खोलकर रख दी है। आइए,  आगे की रिपोर्ट में विस्तार से आपको बताते हैं।

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आपको बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के बारे में कहा कि मैंने साल 2008 में मदरसों में दी जाने वाली शिक्षाओं के संदर्भ में देवबंद को पत्र लिखा था, लेकिन बेमानी देखिए कि मुझ पर ही सवाल खड़े कर दिए गए थे, लेकिन मैं इस बात से वाकिफ था कि मेरे ऊपर सवाल खड़े कर दिए जाएंगे। इसके बाद मैंने इस संदर्भ में पत्र लिखने का विचार किया। जिसमें मैंने मदरसों में दी जाने वाली शिक्षाओं पर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि इससे पहले साल 2008 में  एक पाकिस्तानी स्कॉलर ने भी मदरसों में दी जाने वाली  शिक्षाओं को लेकर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद हालात ऐसे बन गए थे कि उनकी जान पर खतरा बन आया  था। इसके बाद उन्हें मलेशिया में शरण लेनी पड़ गई, लेकिन वहां भी  उनकी जान को खतरा है। सवाल यह भी है कि आखिर मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करने पर लोगों की जान पर खतरा क्यों बन आ रहा है। यह अपने आप में विचारणीय प्रश्न है। आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारे वीडियो बनाकर मुस्कुरा रहे हैं। इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। यह अपने आप में शर्मनाक है। इस पर विचार करने और इसके साथ ही इस प्रवत्ति पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

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आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि बीते दिनों जब देवबंद के संदर्भ में सम्मेलन आयोजित किया गया था, तो मैंने उन्हें बधाई दी थी। इसके साथ ही यह सवाल भी किया था कि आखिर मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है, जिस पर पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला दिया गया था कि आतंकवाद पैदा हो रहे हैं, जिसके जवाब में कहा गया था कि दहशतगर्दी का कारण और धार्मिक सोच और मजहबी फिक्र है। पहली चीज मदरसों में पढ़ाई जाती है कि दुनिया में जो कोई भी कूफ्र होगा, तो ऐसे शख्स को सजा देने का अधिकार है। दूसरी चीज यह पढ़ाई जाती है कि दुनिया में गैर-मुस्लिम इसलिए पैदा हुए हैं, ताकि मुस्लिम उन पर शासन कर सकें और तीसरी चीज यह पढ़ाई जाती है कि जो हमारी मर्जी के विरुद्ध है,  उसका शासन तुरंत पलटना चाहिए। इन्हीं तरह की शिक्षाओं के जरिए समाज में असामाजिक तत्वों को पैदा किया जा रहा है।