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…तो मंदिर तोड़ने नहीं, भारत को ‘मातृभूमि’ बनाने के लिए आए थे मुगल ? नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों को बताया ‘शरणार्थी’

इस इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह की बातों को सुनकर यही लगता है कि वो मुस्लिमों को ना सिर्फ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि खुद ‘गृहयुद्ध’ का खौफ पैदा कर रहे हैं। ये पहला मौका नहीं है, जब नसीरुद्दीन शाह ने देश के माहौल खराब बताया हो।

नई दिल्ली। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों के ‘अत्याचार’ को झूठा और मुगलों को ‘शरणार्थी’ बता कर विवाद खड़ा करने की कोशिश की है। नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि ‘मुगल तो भारत को अपनी मातृभूमि बनाना चाहते थे।‘ नसीरुद्दीन शाह ने करण थापर को दिए इंटरव्यू में, एक तरफ तो मुगलों की तारीफ के पुल बांधे हैं, वहीं दूसरी ओर, अल्पसंख्यकों को भी भड़काने की कोशिश की है। नसीरुद्दीन शाह पहले भी कई बार देश के माहौल को खराब बता कर विवादों में आ चुके हैं। भारत में मुगलों के आक्रमण, अत्याचार और बर्बरता को नसीरुद्दीन शाह सच नहीं मानते हैं। नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों के अत्याचार को ‘तथाकथित’ बताया है। इस इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि- ‘भारत में मुगलों के ‘तथाकथित’ अत्याचार को हमेशा, प्रचारित किया जाता है, लेकिन ऐसा करने वाले लोग, ये भूल जाते हैं कि, मुगलों का इस देश में बहुत योगदान रहा है। मुगलों ने ऐतिहासिक स्मारक और गौरवशाली इतिहास दिया है। मुगलों ने संगीत, नृत्य और पेंटिंग की परंपरा दी है।

मुगलों की तारीफ करते-करते, नसीरुद्दीन शाह, अपने इंटरव्यू में आगे ये भी कहते हैं कि- ‘मुगल तो भारत को अपनी ‘मातृभूमि’ बनाना चाहते थे। आप मुगलों को ‘शरणार्थी’ कह सकते हैं।’ हरिद्वार के धर्मसंसद पर टिप्पणी करते हुए, खुद नसीरुद्दीन शाह मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इस इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि ‘ये एक गृह युद्ध के लिए अपील कर रहे हैं, हममें से 20 करोड़ लोग इतनी आसानी से नष्ट होने वाले नहीं हैं, हम 20 करोड़ लोग लड़ेंगे।’ नसीरुद्दीन शाह आगे ये भी धमकी देते हैं कि- ‘मैं इस बात को लेकर निश्चिंत हूँ कि अगर इस तरह का कोई अभियान शुरू होता है तो कड़ा प्रतिरोध होगा और लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ेगा’

naseeruddin shah

इस इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह की बातों को सुनकर यही लगता है कि वो मुस्लिमों को ना सिर्फ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि खुद ‘गृहयुद्ध’ का खौफ पैदा कर रहे हैं। ये पहला मौका नहीं है, जब नसीरुद्दीन शाह ने देश के माहौल खराब बताया हो। 2018 में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि ‘हालात ये हैं कि अब हक के लिए आवाज उठाने वाले लोग जेलों में बंद हैं। कलाकार, फनकार, स्कॉलर, शायर सबके काम पर रोक लगाई जा रही है। पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है। मजहब के नाम पर नफरत की दीवारें खड़ी की जा रही हैं। मासूमों का कत्ल हो रहा है। उस समय भी नसीरुद्दीन शाह के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। करण थापर को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह दावा करते हैं कि ‘मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है।‘
इस पूरे इंटरव्यू के बाद नसीरुद्दीन शाह से कुछ सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए सबसे पहला सवाल तो यही कि अपने बयान को देशभर के मुस्लिमों की भावनाओं कैसे बता रहे हैं ? वो मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हैं ? और सबसे बड़ा सवाल ये है कि ‘आक्रमणकारी’ मुगल नसीरुद्दीन शाह को ‘शरणार्थी’ क्यों लग रहे हैं ?