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India-China Fight In Tawang: तवांग में भारत-चीन संघर्ष पर खड़गे और ओवैसी को बोलना पड़ा भारी, सोशल मीडिया पर ऐसे बजी बैंड

तवांग के यांग्तसे में भारतीय पोस्ट पर चीन के सैनिकों की हमले की कोशिश और भारतीय वीर जवानों की तरफ से उनको मुंहतोड़ जवाब देने की खबर आने के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर डरने और संसद में घटना की जानकारी न देने का आरोप लगाया है।

नई दिल्ली। तवांग के यांग्तसे में भारतीय पोस्ट पर चीन के सैनिकों की हमले की कोशिश और भारतीय वीर जवानों की तरफ से उनको मुंहतोड़ जवाब देने की खबर आने के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर डरने और संसद में घटना की जानकारी न देने का आरोप लगाया है। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने दोनों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। इसकी वजह ये है कि जिस घटना पर पूरे देश को एकजुट दिखना चाहिए, उसमें भी विपक्ष अपनी सियासी रोटी सेंकता नजर आ रहा है। जबकि, जब कांग्रेस की ही सरकार इस देश को चला रही थी, तब चीन के साथ लगती एलएसी पर विकास का कोई काम उसने नहीं होने दिया था। यहां तक कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी ने संसद में बयान तक दिया था कि सीमा की सुरक्षा तभी बेहतर है, जब वहां कोई विकास न किया जाए। कांग्रेस और ओवैसी जैसे नेता अब चीन-भारत संघर्ष पर सियासत किस तरह कर रहे हैं और जनता ने उनको क्या जवाब दिया, उसे जानने से पहले आपको सुनाते हैं कि बतौर रक्षा मंत्री एके एंटनी ने साल 2013 में संसद में क्या कहा था।

आपने सुन लिया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार का चीन के प्रति क्या रुख था। अब मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की नसीहत भी देख लीजिए। खड़गे ने तवांग की घटना का ब्योरा सामने आने के बाद ट्वीट में लिखा कि हम सियासत नहीं करना चाहते, लेकिन मोदी सरकार को एलएसी पर और ढांचे बनाने की जरूरत है। इस पर यूजर्स ने पलटकर क्या कहा, ये भी जान लीजिए।

उधर, असदुद्दीन ओवैसी भी हमलावर मुद्रा में आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में जानकारी की जगह सूत्रों के हवाले से भारत-चीन संघर्ष के बारे में पता चला। ओवैसी ने संसद में मुद्दा उठाने का भी एलान किया। इस पर यूजर्स ने उनको क्या कहा, ये भी देख लीजिए।