रायपुर। साल 2004 से 2014 तक केंद्र में रही यूपीए सरकार के दौरान ये आरोप लगातार लगता रहा कि भले ही मनमोहन सिंह पीएम थे, लेकिन पीठ पीछे से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) उस सरकार को चलाती थीं। इस आरोप का उस वक्त कांग्रेस ने लगातार खंडन किया, लेकिन अब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने जो ताजा आदेश जारी किया है, उससे साबित हो रहा है कि राज्य सरकार सोनिया गांधी के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति से ये खुलासा हुआ है। यह प्रेस विज्ञप्ति राज्य सरकार के आयोगों और निगमों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बारे में है।
इस विज्ञप्ति में लिखा है, “माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माननीय अध्यक्षा द्वारा अनुमोदित छत्तीसगढ़ शासन के आयोग/निगम/मण्डलों में रिक्त अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सदस्य हेतु निम्नानुसार नियुक्ति संबंधी आदेश जारी करने हेतु मुख्य सचिव को निर्देशित किया गया है।” नियुक्ति प्रक्रिया में किसी पार्टी अध्यक्ष के हस्तक्षेप का खुलासा करने वाली इस तरह की चिट्ठी पहली बार देखी गई है। इस प्रेस विज्ञप्ति के सामने आने के बाद अब सूबे का सियासी पारा गरमाने के आसार दिख रहे हैं।
बता दें कि केंद्र में 10 साल तक रही यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गांधी की अध्यक्षता में NAC बनाई गई थी। उस वक्त तमाम सूत्रों के जरिए खबरें आती थीं कि पीएम मनमोहन सिंह तक पहुंचने से पहले सारी जरूरी सरकारी फाइलें NAC में सोनिया गांधी की नजरों से होकर गुजरती थीं। संविधान का मखौल उड़ाती NAC के बारे में यह भी आरोप लगता था कि पीएम मनमोहन सिंह और उनके मंत्री बगैर सोनिया या उनकी टीम की मर्जी के कुछ भी नहीं करते थे।