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Politics: बीजेपी के खिलाफ चंद्रशेखर राव के बदले सुर, बोले- कम्युनिस्ट चाहते थे, लेकिन मैं PM मोदी के खिलाफ नहीं गया

केसीआर के तौर पर पहचान रखने वाले राव ने कहा कि वो सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को सत्ता से उखाड़ने के विचार के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि इससे जरूरी लोगों का कल्याण करना है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मुझसे मिले थे और मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया था।

हैदराबाद। यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेकर विपक्षी दलों के पक्ष में बयानबाजी करने वाली ममता बनर्जी के शांत होने के बाद अब तेलंगाना में टीआरएस चीफ और सीएम के. चंद्रशेखर राव भी अपने सुर बदलते दिख रहे हैं। पिछले दिनों शिवसेना के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी और मोदी के खिलाफ आग उगलने वाले राव ने अब कहा है कि देश को वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत है, न कि राजनीतिक मोर्चों की। उन्होंने खुलासा किया कि बीजेपी की अगुवाई वाली मोदी सरकार को कम्युनिस्ट पार्टियां हटाने की कोशिश में थीं, लेकिन उन्होंने इस विचार को मना कर दिया था।

modi kcr 1

तेलंगाना राष्ट्र समिति TRS के 21वें स्थापना दिवस में राव ने कहा कि किसी पार्टी को नीचा दिखाना मकसद नहीं होना चाहिए। खास बात ये है कि राव का ये बयान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात के दो दिन बाद आया है। केसीआर के तौर पर पहचान रखने वाले राव ने कहा कि वो सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को सत्ता से उखाड़ने के विचार के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि इससे जरूरी लोगों का कल्याण करना है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मुझसे मिले थे और मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया था। मैंने इस पर कहा कि ये हमारा काम नहीं है कि किसी पीएम बनाया जाए और किसे हटाया जाए।

Mamata Banerjee & Narendra Modi

राव के इस बयान के बाद लग रहा है कि वो कांग्रेस या किसी और पार्टी के पिछलग्गू बनकर मोदी और बीजेपी विरोध का झंडा थामना नहीं चाहते हैं। दरअसल, तेलंगाना के अलग राज्य बनने के मामले में राव की पार्टी की बड़ी भूमिका रही है। साथ ही कई बार केंद्र की मोदी सरकार के अहम बिलों को भी उनकी पार्टी ने राज्यसभा में समर्थन दिया है। हालांकि, उनका ताजा बयान हैरत पैदा करने वाला जरूर है। ठीक उसी तरह जैसे ममता के शांत बैठने पर अब राजनीतिक विश्लेषक हैरानी जता रहे हैं।