नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल विस्तार में कई नए चेहरों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। बता दें कि बुधवार की शाम राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय मंत्री पद के लिए शपथ समारोह का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारायण तातू राणे, सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान जी.किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर, पंकज चौधरी, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस, किरण रिजिजू, राज कुमार सिंह को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस शपथ समारोह में एक ऐसा नाम भी शामिल रहा जो कभी कांग्रेस के खेमे में हुआ करता था। लेकिन अपनी उपेक्षा के चलते वो चेहरा कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बना। बता दें कि हम बात कर रहे हैं लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की। जहां सिंधिया मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति को चमकाने में लगे वहीं परिस्थितियां कुछ ऐसी बदलीं कि वो अब मोदी सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
सिंधिया के शपथ लेने से साफ है कि मोदी सरकार में ये चेहरा कांग्रेस को कभी अच्छा नहीं लगेगा। इसकी भी वजह है। क्योंकि भाजपा में आने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा की कार्रवाई में राहुल के साथ अक्सर दिखाई देते थे। एक तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल गांधी के खास और सिपहसलार माने जाते थे। मीडिया के सामने बात रखने के दौरान भी सिंधिया राहुल गांधी के साथ खड़े नजर आते थे।
फिलहाल अब बदलते राजनीतिक परिवेश में सिंधिया ने पिछले साल 11 मार्च को कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में आने का फैसला किया और इस फैसले का एक असर ये भी हुआ कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने दोबारा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बना ली। माना जा रहा है कि अब इसी का इनाम सिंधिंया को मोदी सरकार उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल कर दे रही है। बता दें सूत्रों से जानकारी मिली है कि सिंधिया को शिक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है। जोकि पहले रमेश पोखरियाल निशंक के पास था। फिलहाल अब पोखरियाल ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।