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Rajasthan: कोटा के स्कूल में गैर मुस्लिम बच्चों को ‘अम्मी-अब्बू’ बोलने की दी जा रही ‘ट्रेनिंग’, खुलासे पर मचा बवाल

Rajasthan: इसके अलावा और कई सारे चैप्टर है जिसमें एक विशेष धर्म की भाषा सभी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। वहीं दूसरे अध्याय में ‘Grandpa Farouk’s Garden’ नामक शीर्षक में मुस्लिम करैक्टर आमिर और उसके दादा फारूक को दर्शया गया है।

नई दिल्ली। राजस्थान की शिक्षा नगरी कहे जाने वाला कोटा शहर विवादों में हैं। इस बार कोटा में गुलमोहर नाम की किताब के चैप्टर से बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल गुलमोहर नाम की इस किताब में गैर मुस्लमान बच्चों को अब्बू -अम्मी बोलना सिखाया जा रहा है। वहीं इसकी जानकारी मिलने के बाद लोगों का गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। लोगों ने आरोप लगाया है कि गैर मुस्लिम परिवार के बच्चों को जबरन ‘अब्बू -अम्मी’ और बिरयानी खिलाने का पाठ सिखाया जा रहा है। लोगों ने ये भी आरोप लगाया है कि प्राइवेट स्कूलों की बुक में ऐसे अध्याय पढ़ाकर बच्चों को हिंदू संस्कृति से दूर किया जा रहा है। आपको बता दें कि गुलमोहर नाम की इस बुक को हैदराबाद पब्लिकेशन ने छापी है। जिसकी कीमत 352 रूपये है।

अगर किताब के पहले चैप्टर में नजर डाले तो इसमें ज्यादातर करैक्टर के नाम इग्लिंश में रख गए है।  बुक के पहले अध्याय जिसका नाम है ‘टू बिग! टू स्मॉल’ जिसमें बच्चे को नए शब्द के रूप में मां को अम्मी और पिता को अब्बू बोलना सिखाया जा रहा है।

इसके अलावा और कई सारे चैप्टर है जिसमें एक विशेष धर्म की भाषा सभी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। वहीं दूसरे अध्याय में ‘Grandpa Farouk’s Garden’ नामक शीर्षक में मुस्लिम करैक्टर आमिर और उसके दादा फारूक को दर्शया गया है। इतना ही नहीं इस पुस्तक में कई सारे ऐसे अध्याय है जिनमें बच्चों को सिर्फ एक विशेष धर्म की भाषा बोलने का पाठ सिखाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कोटा के शिव ज्योति कन्वेंट स्कूल में दूसरी क्लास के छात्रों को दी गई ‘गुलमोहर पुस्तक’ में ऐसे कई शब्द हैं जिनको लेकर परिवारवालों में गुस्सा है।

वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद बजरंग दल ने किताब में विवाादित बातें लगने पर अपना आक्रोश जाहिर किया है।  बजरंग दल ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाया है। इसके अलावा बजरंग दल ने अपनी शिकायत में शिक्षा के इस्लामीकरण के प्रयास करने का आरोप लगाया।