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Amarnath Cave Cloudburst: ‘अचानक आने लगी बाढ़, बहते दिखे लोग’ अमरनाथ ‘जलप्रलय’ में सुरक्षित बचे श्रद्धालुओं ने बताई आखों देखी, बताया कैसा था वहां का हाल

Amarnath Cave Cloudburst: सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें बचाव और लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं। केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। ताकि देशभर में जिनके रिश्तेदार यहां आए थे, उनकी जानकारी ली जा सके। बारिश की वजह से हालात काफी विषम हैं।

नई दिल्ली। बीते दिन शुक्रवार शाम को दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा। अचानक हुई इस घटना में अब 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है तो वहीं, 40 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें बचाव और लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं। केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। ताकि देशभर में जिनके रिश्तेदार यहां आए थे, उनकी जानकारी ली जा सके। बारिश की वजह से हालात काफी विषम हैं।

amarnath cloudburst

बता दें कि बीती शाम करीब साढ़े 5 बजे लगातार हो रही बारिश के दौरान अमरनाथ की पवित्र गुफा के ठीक पीछे बादल फट जाने से सैलाब आ गया था। इसी सैलाब ने जमकर तबाही मचाई और लोगों की जान ली। इस घटना में आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए है। जो लोग इस स्थिति में सोनमार्ग के बालटाल बेस कैंप तक पहुंचने में सफल हुए उन्होंने इस भंयकर घटना को लेकर अपना अनुभव साझा किया है।

यूपी में हरदोई के रहने वाले दीपक चौहान ने घटना की आंखों देखी बताई। दीपक चौहान ने बताया कि “भगदड़ जैसे हालात बन गए थे लेकिन आर्मी ने बहुत सहयोग किया। बाढ़ की वजह से बहुत से पंडाल बह गए।”

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महाराष्ट्र के एक दूसरे श्रद्धालु ने बताया कि बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ अपने साथ कई सारे पत्थर भी लेकर आई। श्रद्धालु ने बताया कि हम लोग घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर दूर थे। बादल फटा तो हमें इसका विश्वास नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद देखा तो हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा था। हम आठ लोगों के समूह में थे। हमारे ग्रुप का हर एक सदस्य भोले बाबा की कृपा से सुरक्षित बच गया। श्रद्धालु ने बताया कि हमने बादल फटने के बाद आए सैलाब में लोगों को बहते देखा। हमारा ये अनुभव काफी डरावना रहा।

‘कई टेंट और सामुदायिक रसोईघर हो गए नष्ट’

पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों ने इस घटना को लेकर बताया है कि मामले में कई टेंट व सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए हैं। वहीं, जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि इस त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा को रोक दी है। जब पूरी स्थिति फिर से हो जाएगी तभी फिर से इस यात्रा को बहाल किया जाएगा। बता दें कि तीन जून को ही अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी।

2 घंटे के भीतर 31 मिलीमीटर हुई बारिश

अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे के करीब बादल फटा। बादल फटते ही पहाड़ की ढलानों से पानी और गाद की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी। गुफा के स्वचालित मौसम केंद्र की मानें तो साढे चार से साढे छह बजे तक 31 मिलीमीटर बारिश हुई।