newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

SC Verdict On Maharashtra: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के लिए आज अहम दिन, सुप्रीम कोर्ट बताएगा उद्धव से बगावत सही या गलत

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये अहम टिप्पणी की थी कि सदन में विश्वासमत लेने की जगह उद्धव ने पद से इस्तीफा दे दिया, तो उनको फिर कैसे बहाल कर सकते हैं। खास बात ये भी है कि महाराष्ट्र में शिंदे की सरकार बहुमत में भी है। चुनाव आयोग भी उनके गुट को असली शिवसेना मानकर तीर-कमान का चुनाव चिन्ह सौंप चुका है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के लिए आज का दिन काफी अहम होने वाला है। सुबह करीब 11 बजे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ महाराष्ट्र में शिंदे बनाम उद्धव गुट के विवाद पर फैसला सुनाने वाली है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा संविधान पीठ में जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी हैं। जानकारी के मुताबिक इस मामले में पीठ ने एकराय होकर फैसला लिखा है। इस फैसले को जस्टिस चंद्रचूड़ ने लिखा है। संविधान पीठ ने लंबी सुनवाई के बाद 16 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। दोनों पक्षों के अलावा संविधान पीठ ने गर्वनर की तरफ से भी वकीलों को सुना। उद्धव गुट ने शिंदे और उनके साथियों की बगावत और फिर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को गैरकानूनी कहा था। जबकि, शिंदे गुट की तरफ से कहा गया कि शिवसेना विधायक दल में टूट के बाद गवर्नर ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण का आदेश देकर सही कदम उठाया।

supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई सवालों पर गौर किया। संविधान पीठ के सामने ये सवाल थे कि क्या तब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर विचार में सक्षम नहीं थे, क्योंकि उनके खिलाफ ही पद से हटाने का प्रस्ताव पहले दिया जा चुका था, क्या हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ले सकते हैं, अयोग्यता का मामला लंबित रहने पर विधायक क्या विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं, किसी विधायक को अयोग्य ठहराए जाने की सूरत में सदन में उसके हिस्सा लेने के दौरान हुई कार्यवाही को किस तरह देखा जाए, पार्टी के चीफ व्हिप की नियुक्ति कौन कर सकता है, क्या एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायक खुद सरकार नहीं बना सकते और उनको दलबदल कानून के तहत दूसरी पार्टी में विलय करना चाहिए था और क्या महाराष्ट्र के गवर्रन ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का न्योता देकर गलती की?

uddhav thakrey and eknath shinde dussehra rally

दरअसल, साल 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 शिवसेना विधायकों ने उद्धव ठाकरे से बगावत की थी। जिसके बाद सीएम पद से उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा था। शिंदे गुट ने फिर बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये अहम टिप्पणी की थी कि सदन में विश्वासमत लेने की जगह उद्धव ने पद से इस्तीफा दे दिया, तो उनको फिर कैसे बहाल कर सकते हैं। खास बात ये भी है कि फिलहाल महाराष्ट्र में शिंदे की सरकार बहुमत में भी है। इसके अलावा चुनाव आयोग भी उनके गुट को असली शिवसेना मान चुका है और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह सौंप चुका है। ऐसे में संविधान पीठ का आज का फैसला बहुत अहम रहने वाला है।