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कोरोना काल में गुजरात के इस काम का मुरीद हुआ SC, कहा कोविड मरीजों के इलाज के लिए इस मॉडल को अपनाएं

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हम ये नहीं चाहते कि कोरोना पीड़ितों का इलाज मुफ्त हो, लेकिन लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा और इलाज सुलभ तो होना चाहिए। आप सर्वश्रेष्ठ, सुलभ सरल मॉडल तय कर लें। किसी राज्य में अगर सफल मॉडल दिख रहा हो तो उसे भी शामिल करते हुए समग्र गाइड लाइन बनाई जा सकती है।

नई दिल्ली। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में लाखों रुपए वसूल करने को रोकने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले सम्बन्धित हाई कोर्ट में जाएं। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से वकील आनन्द ग्रोवर ने कहा कि हाई कोर्ट ना भेजा जाए।

supreme court of india, Delhi

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा कि हम तय करेंगे कि इस मामले में न्याय का शासन कैसे लागू हो। हम सॉलिसिटर जनरल से कह सकते हैं कि सभी राज्य सरकारों को लिखें कि आपदा प्रबन्धन एक्ट के तहत इलाज का शुल्क तय करते समय गुजरात मॉडल का अनुकरण करें।

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सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हम ये नहीं चाहते कि कोरोना पीड़ितों का इलाज मुफ्त हो, लेकिन लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा और इलाज सुलभ तो होना चाहिए। आप सर्वश्रेष्ठ, सुलभ सरल मॉडल तय कर लें। किसी राज्य में अगर सफल मॉडल दिख रहा हो तो उसे भी शामिल करते हुए समग्र गाइड लाइन बनाई जा सकती है।

Corona

इससे पहले कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, जो कोरोना अस्पताल में मरीजों के इलाज पर नजर रखेगी। इसके साथ ही यह कमेटी समय समय पर अस्पतालों को जरूरी निर्देश भी देगी।