नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon case) में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने नवलखा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। गौतम नवलखा ने 19 फरवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
गौतम नवलखा ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा की जमानत याचिका पर 26 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अपनी याचिका में नवलखा ने कहा था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 90 दिन की तय अवधि में चार्जशीट नहीं दाखिल की, इसलिए उनकी जमानत का आधार बनता है। कोर्ट ने 3 मार्च को NIA से नवलखा की जमानत याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया था कि मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं किए जाने के कारण उन्हें जमानत दी जाए।
गौतम नवलखा के खिलाफ जनवरी 2020 में दोबारा FIR फाइल की गई थी और उन्होंने पिछले साल 14 अप्रैल को NIA के समक्ष सरेंडर कर दिया था। उन्हें 25 अप्रैल तक 11 दिनों के लिए NIA की हिरासत में रखा गया, जिसके बाद उन्हें नवी मुंबई के तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नवलखा की 34 दिन के हाउस अरेस्ट को जेल में बिताई गई अवधि नहीं माना जा सकता।