लखनऊ। यूपी में नए खुलने वाले किसी भी मदरसे को अब सरकारी मदद नहीं मिलेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला किया है। इससे पहले सपा सरकार ने ये नीति बनाई थी। जिसे योगी सरकार ने रद्द कर दिया है। इससे यूपी में सियासत के गर्माने के आसार हैं। सरकार की तरफ से बताया गया है कि मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि नए मदरसों को किसी सूरत में अनुदान नहीं दिया जाएगा। इससे पहले हर मदरसे को अनुदान दिया जाता था।
ये मामला पहले भी सरकार की निगाह में आया था। तब मऊ में नए खुले एक मदरसे ने अनुदान न मिलने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। साल भर पहले के इस मामले में हाईकोर्ट ने योगी सरकार से कहा था कि वो मदरसे को अनुदान देने के बारे में फैसला ले। इसके बाद यूपी सरकार ने मदरसे के कागजात की जांच कराई थी। जांच में पता चला था कि मदरसे को फर्जी कागजात के आधार पर खोला गया था। इसके बाद उसे सरकारी अनुदान नहीं दिया गया था। योगी सरकार के पहले दौर में भी नए मदरसों को अनुदान नहीं दिया जा रहा था। इस बार ऐसे मदरसों को अनुदान देने की पुरानी नीति पूरी तरह खत्म कर दी गई है।
17 मई को कैबिनेट के फैसले में यूपी सरकार ने मदरसों को अनुदान सूची से बाहर करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2022
मदरसों को अनुदान देने की नीति अखिलेश यादव की सपा सरकार के दौरान बनाई गई थी। तब पुरानों के साथ ही नए मदरसों को भी सरकारी अनुदान मिलता था, लेकिन साल 2017 में सरकार बनने के बाद योगी ने इस बारे में पुनर्विचार करना शुरू कर दिया था। नीति को तब खत्म नहीं किया गया था। इस बार कैबिनेट की बैठक में नीति को ही खत्म कर दिया गया है। अब सिर्फ उन्हीं मदरसों को अनुदान मिलेगा, जिनको पहले से ये सुविधा दी जा रही है।