लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों से घर वापस आने वाले श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की तारीफ की है। प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं को निस्तारित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की।
कोरोना के पहले चरण में हुए लॉक डाउन के दौरान बड़ी संख्या में उत्तरप्रदेश के श्रमिक वापस अपने घर आए थे। प्रदेश सरकार ने इन सबको एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता देने के साथ राशन किट भी दिया। जिला मुख्यालय पर इनकी स्किल मैपिंग कराई और उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर उनको रोजगार देने का भी भरसक प्रयास किया।
प्रदेश सरकार के इन प्रयासों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बाबत पंजीकरण से लेकर स्किल मैपिंग तक के कार्यों को खुद में बड़ा काम माना है। सरकार अपने इन कार्यों के बारे में सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र भी दे चुकी है। यही नहीं पारदर्शिता के लिए http://www.rahat.up.nic.in नाम से एक पोर्टल भी बनवाई थी। इसमें वापस आए श्रमिकों और उनके हित में सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की अद्यतन जानकारी थी।
Supreme Court of India acknowledges the robust system of registration of migrant labour and welfare measures taken by @UPGovt in its judgement today. @CMOfficeUP @rahat_up pic.twitter.com/zc5rAm48sL
— Shishir?? (@ShishirGoUP) June 29, 2021
कोर्ट ने यह संज्ञान लिया कि पोर्टल पर अपलोड डाटा के अनुसार उस दौरान कुल 37,84,255 श्रमिकों की घर वापसी हुई थी। स्किल मैपिंग के बाद अब तक 10,44,710 श्रमिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार दिया।
10. 44 लाख श्रामिकों को मिला रोजगार
योगी सरकार लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के लिए किए गए कार्यों के बारे में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र भी दे चुकी है। इतना ही नहीं, योगी सरकार ने पारदर्शिता के लिए राहत पोर्टल यानि http://www.rahat.up.nic.in पर वापस आए श्रमिकों और उनके हित में सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की जानकारी दर्ज कराई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पोर्टल पर अपलोड डाटा के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान कुल 37,84,255 श्रमिकों की घर वापसी हुई थी। वहीं, घर वापसी करने वाले प्रवासी श्रामिकों की स्किल मैपिंग के बाद अब तक 10,44,710 श्रमिकों को सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत रोजगार दिया जा चुका है।