newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

SC Decision On Manish Sisodia Today: शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बेल या जेल?, आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के शराब घोटाले में आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने नई नीति लागू करवा दी। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी तक नहीं ली गई। इस नई शराब बिक्री नीति से दिल्ली सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा। वहीं, निजी शराब विक्रेताओं को फायदा हुआ। वहीं, सिसोदिया का दावा है कि कोई घोटाला नहीं किया गया है।

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। तभी से वो तिहाड़ जेल में हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ये फैसला सुनाने वाला है कि मनीष सिसोदिया को बेल दी जाए या उनको जेल में ही रखा जाए। मनीष सिसोदिया को इससे पहले निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने बेल नहीं दी थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की बेल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से सबूतों के बारे में पूछा था। कोर्ट ने ये भी कहा था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ घोटाले से जुड़ा कोई ठोस सबूत ईडी की तरफ से पेश नहीं किया जा सका है। बहरहाल, आज पता चलेगा कि मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट राहत देता है या नहीं।

supreme court and manish sisodia

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। सीबीआई को दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने शराब घोटाले की जांच सौंपी थी। जांच के दौरान मनीष सिसोदिया के घर पर छापा भी मारा गया था। मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर भी खंगाले गए थे। मनीष सिसोदिया और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) लगातार कहते रहे हैं कि जांच एजेंसी को शराब घोटाले से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बाद भी सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। वहीं, इस मामले में 2 आरोपी सरकारी गवाह बन गए। उनकी गवाही को आधार बनाकर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है। सिसोदिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इन सरकारी गवाहों ने कई बार जांच एजेंसी के सामने बयान दिए और ये बयान अलग-अलग थे। इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जानना चाहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ उसके पास क्या सबूत हैं।

dinesh arora and manish sisodia
शराब घोटाले के एक आरोपी दिनेश अरोड़ा के साथ मनीष सिसोदिया। दिनेश अरोड़ा अब सरकारी गवाह बन चुका है।

दिल्ली के शराब घोटाले में आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने नई नीति लागू करवा दी। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी तक नहीं ली गई। इस नई शराब बिक्री नीति से दिल्ली सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा। वहीं, निजी शराब विक्रेताओं को फायदा हुआ। घोटाले का आरोप लगने के बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर उसकी जगह पहले की शराब नीति लागू कर दी थी। इसे लेकर भी सवाल उठे कि अगर नई नीति में गड़बड़ी नहीं थी, तो उसे रद्द कर आखिर पुरानी शराब नीति फिर से क्यों लागू की गई। इस मुद्दे पर भी मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी को विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने घेरा हुआ है।