newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

BS Koshyari: आलोचनाओं में घिरे महाराष्ट्र के राज्यपाल ने गृह मंत्री शाह से लगाई मदद की गुहार, शिवाजी-गडकरी की तुलना पर सवालों के घेरे में

BS Koshyari : लेटर में भगत सिंह कोश्यारी ने संकेत दिया कि वह पद राज्यपाल छोड़ना चाहते हैं। 6 दिसंबर को दो पेज के लेटर में इस मसले पर अपना पक्ष स्पष्ट किया और केंद्रीय गृह मंत्री से सलाह मांगी है कि आगे क्या करना चाहिए। वहीं इस बारे में भाजपा सूत्रों ने यह भी संकेत दिया था कि 8 दिसंबर को गुजरात चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्यपाल पद छोड़ देंगे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने विवादित बयानों को लेकर इन दिनों चर्चाओं में हैं। महाराष्ट्र में बैकफुट पर आ चुके राज्यपाल भगत सिंह ने अब अपनी दर्द गृह मंत्री अमित शाह को बताया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्होंने शाह को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि वो सक्रिय राजनीति में नहीं रहना चाहते थे। तब उन्हें राज्यपाल बनाया गया। लेकिन अब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कृपया बताइए कि मैं क्या करूं। छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपनी टिप्पणी और विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित विरोध मार्च पर विवाद के बाद, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो पेज का लेटर लिखा है।

Bhagat Singh Koshyariइस लेटर में भगत सिंह कोश्यारी ने संकेत दिया कि वह पद राज्यपाल छोड़ना चाहते हैं। 6 दिसंबर को दो पेज के लेटर में इस मसले पर अपना पक्ष स्पष्ट किया और केंद्रीय गृह मंत्री से सलाह मांगी है कि आगे क्या करना चाहिए। वहीं इस बारे में भाजपा सूत्रों ने यह भी संकेत दिया था कि 8 दिसंबर को गुजरात चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्यपाल पद छोड़ देंगे। राजभवन के प्रवक्ता ने पत्र की पुष्टि या खंडन नहीं किया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद कोश्यारी ने भी व्यक्तिगत रूप से पद छोड़ने की इच्छा जताई है।

गृहमंत्री अमित शाह को भेजा गया ये लेटर

आपको बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी भूमिका अदा करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले और डॉ बीआर अम्बेडकर पर उनकी टिप्पणियों ने हंगामा खड़ा कर दिया है। विपक्षी शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा उनके खिलाफ विरोध कर रहे हैं, खासकर उनकी इस टिप्पणी के बाद कि शिवाजी महाराज पिछले युग के प्रतीक थे और अब राज्य में बीआर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक नए प्रतीक हैं। अपने भी जता रहे विरोध उन्होंने टिप्पणी पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी गलत व्याख्या की गई लेकिन विपक्ष के साथ-साथ मराठा संगठन भी उन्हें हटाने की अपील कर रहे हैं।

आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह को राज्यपाल की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि उनके भाषण के चुनिंदा हिस्से दिखाए गए और यह आलोचना का विषय बन गया। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने कहा था कि युवा कुछ शख्सियतों को अपना आदर्श मानते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। “मैंने छात्रों से कहा कि कुछ महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सुभाष चंद्र बोस को रखते हैं। महाराष्ट्र के संदर्भ में, मैंने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक के नेता आदर्शों के लिए उदाहरण हो सकते हैं। इसका मतलब यह था कि छात्र एपीजे अब्दुल कलाम, होमी को रख सकते हैं। आज भले ही देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का नाम भी उच्च सम्मान में रखा जाता है। लेकिन यह कोई भी तुलना करने की वजह नहीं थी।