नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सियासी गलियारों में सुर्खियों का सैलाब अपने चरम पर पहुंच चुका है। मसला कोर्ट के साथ-साथ सियासी दलों की चौखट में भी पैर जमाए बैठा है। अब इसी बीच ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है, जिसके बारे में अभी हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल, खबर है कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 3 मई से लेकर 10 मई के बीच में काशी ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी व अन्य सभी विग्रहो की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और अब ईद के बाद 6 मई और सम्भवतः 7 मई को भी वीडियोग्राफी के लिए तिथि निर्धारित किया गया है। इस बीच खबर है कि मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी शुरू कर दी गई है, लेकिन मस्जिद पक्ष की तरफ से कथित तौर पर वीडियोग्राफी के विरोध में नारेबाजी की गई है, लेकिन मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों की निगाहें कड़ी हैं।
Varanasi: Muslim Mob creating chaos when Court ordered videography of #GyanvapiMosque was being executed.
I wonder who is the judge who asked it? A Google search of this place will show Hindu Temples.
Court just needs to order JCB, UP has many ready for action. pic.twitter.com/TN0RVy8cke
— Arun Pudur ?? (@arunpudur) May 6, 2022
बता दें कि वीडियोग्राफी के दौरान परिसर के आस पास भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है, ताकि कोई भी शरारती तत्व अपने नापाक इरादों को धरातल पर न उतार सकें। उधर, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने भी स्पष्ट कह दिया है कि मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य विग्रहों की वीडियोग्राफी कराए जाने की मुखालफत की है। इस संदर्भ में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा है कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वाराणसी की अदालत अवहेलना कर रहा है, यदि वीडियोग्राफी कराई गई तो 1993 के सुरक्षा प्लान का क्या मतलब रह जायेगा।’ वहीं, इस संदर्भ में बड़ी खबर सामने आ रही है कि कल यानी की आगामी शनिवार को मस्जिद परिसर में उपरोक्त स्थलों की प्रस्तावित वीडियोग्राफी का विरोध किया है।
ऐसी स्थिति में प्रमुख चुनौती सुरक्षाबलों के समक्ष है कि आखिर कैसे पूरी स्थिति से निपटा जा सकें। हालांकि, इस बीच न्यायलय की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि वीडियोग्राफी के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि कोई भी शरारती तत्व अपने नापाक इरादों को धरातल पर न उतार सकें, नहीं तो उसे रसातल पर पहुंचाने से कोई गुरेज नहीं किया जाएगा। बहरहाल, अब आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।