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Survey: देश में फिर किसकी सरकार और कौन होगा अगला पीएम?, 90000 लोगों ने इस सर्वे में बताई अपनी राय

अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। इससे पहले बड़े सैंपल साइज वाला एक सर्वे सामने आया है। ये सर्वे टाइम्स नाउ नवभारत और ईटीजी रिसर्च ने किया है। इसमें तमाम मुद्दों पर 90000 लोगों की राय ली गई है। सर्वे में अलग-अलग तमाम सवाल पूछे गए। इनमें पीएम पद के लिए सबसे बेहतर नेता और अतीक अहमद से जुड़े सवाल भी रहे।

नई दिल्ली। अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। इससे पहले बड़े सैंपल साइज वाला एक सर्वे सामने आया है। ये सर्वे टाइम्स नाउ नवभारत और ईटीजी रिसर्च ने किया है। इसमें तमाम मुद्दों पर 90000 लोगों की राय ली गई है। सर्वे में अलग-अलग तमाम सवाल पूछे गए। इनमें ये सवाल भी था कि पीएम पद का सबसे मजबूत चेहरा कौन है। इसके अलावा सबसे बड़ा सवाल ये भी कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में किसकी सरकार बनेगी। अन्य सवालों के जवाब भी आपको बताएंगे। पहले इन दोनों सवालों पर लोगों की राय क्या रही, ये जान लीजिए। पीएम पद के सबसे मजबूत चेहरे के तौर पर 64 फीसदी लोगों नरेंद्र मोदी का नाम लिया। 13 फीसदी ने राहुल गांधी, 12 फीसदी ने अरविंद केजरीवाल, 6 फीसदी ने नीतीश कुमार और 5 फीसदी ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव को पीएम पद का सबसे मजबूत चेहरा माना।

rahul gandhi and pm modi

सर्वे में लोगों की राय के हिसाब से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 38.2 फीसदी वोट हासिल कर बीजेपी और उसके सहयोगी दल 292 से 338 सीटें जीत सकते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 28.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 106 से 144 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, अन्य को 33.1 फीसदी वोट के साथ 66 से 96 सीटें मिलना इस सर्वे में बताया गया है। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अगर अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एकजुट होता है, तो क्या पीएम मोदी को टक्कर दे सकेगा। इस प 49 फीसदी ने कहा कि 2024 में टक्कर नहीं दे सकेगा। 19 फीसदी ने कुछ हद तक टक्कर की बात मानी। 15 फीसदी ने कहा कि पहले विपक्ष एक तो हो। वहीं 17 फीसदी की राय रही कि विपक्ष एक भी होगा और टक्कर भी देगा।

modi rahul kejriwal

आजकल आम आदमी पार्टी पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल क्यों खड़े कर रही है। इसके जवाब में 31 फीसदी ने कहा कि अपना भ्रष्टाचार छिपाना इसका मकसद है। 19 फीसदी ने कहा कि विपक्ष का मुख्य चेहरा बनना है। 9 फीसदी ने इसे अरविंद केजरीवाल का स्टाइल बताया। जबकि, 41 फीसदी ने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते। लोगों ने सर्वे में दी गई अपनी राय में जनता का सबसे जरूरी मुद्दा भी बताया। 24 फीसदी ने महंगाई, 33 फीसदी ने बेरोजगारी, 7 फीसदी ने भ्रष्टाचार और 36 फीसदी ने अन्य सभी मुद्दों को अहम माना। लोगों से पूछा गया कि क्या देश में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है। इस पर 41 फीसदी ने कहा कि बिल्कुल नहीं है। 21 फीसदी का कहना था कि कई बार ऐसा लगा कि खतरे में है। 14 फीसदी की राय रही कि सिर्फ विपक्ष को ही ऐसा लगता है। वहीं, 24 फीसदी ने कोई राय नहीं दी। वीर सावरकर को इस सर्वे में 57 फीसदी ने देशभक्त माना। कुछ शर्तों के साथ उनको देशभक्त मानने वाले 8 फीसदी दिखे। 20 फीसदी ने सावरकर को देशभक्त नहीं माना। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बारे में सर्वे में पूछे गए सवाल पर 44 फीसदी लोगों ने कहा कि उसे मिट्टी में मिला दिया गया। 19 फीसदी ने कहा कि जैसा उसने किया, वैसा भरा। 16 फीसदी ने कहा कि ये कानून के राज पर सवाल था। वहीं, 21 फीसदी लोगों ने अपनी राय नहीं दी।