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Assam: सुष्मिता देव के कांग्रेस छोड़ने के पीछे वजह क्या, असम के CM हिमंत बिस्व सरमा का है रोल?

Sushmita Dev quits Congress: सुष्मिता देव के पिता संतोष मोहन देव लगातार सिल्चर से कांग्रेस के सांसद बनते रहे। केंद्र में मंत्री रहे। उनके निधन के बाद सिल्चर सीट से सुष्मिता लोकसभा पहुंचती रहीं। पहली मोदी लहर में भी वह कांग्रेस की सांसद बनी थीं, लेकिन 2019 में वह हार गईं।

नई दिल्ली/सिल्चर। असम के सिल्चर से कांग्रेस की सांसद रहीं सुष्मिता देव ने भी कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ दिया है। वह कांग्रेस के उन युवा नेताओं में हैं, जिन्होंने पिछले एक साल में पार्टी का दामन छोड़ा है। उनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद जैसे बड़े युवा चेहरे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या सुष्मिता के कांग्रेस छोड़ने के पीछे असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कोई रोल है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि हिमंत जबसे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं, असम और पूर्वोत्तर में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेताओं की संख्या अच्छी खासी हो गई है।
अभी जून में जोरहाट के मरियानी क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे रूपज्योति कुर्मी ने कांग्रेस छोड़ दी थी। उनका आरोप था कि आलाकमान बात नहीं सुनता है। जबकि, जुलाई में थोरा के कांग्रेस विधायक रहे सुशांत बोरगोहेन ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इन सभी का कांग्रेस का दामन छोड़ने में हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा रोल रहा था। अब सुष्मिता के कांग्रेस छोड़ने के पीछे भी अगर हिमंत का रोल हो, तो इसमें अचरज नहीं होना चाहिए।

sushmita dev

अब फिर लौटते हैं सुष्मिता के कांग्रेस से इस्तीफा देने की वजह पर। सुष्मिता देव के पिता संतोष मोहन देव लगातार सिल्चर से कांग्रेस के सांसद बनते रहे। केंद्र में मंत्री रहे। उनके निधन के बाद सिल्चर सीट से सुष्मिता लोकसभा पहुंचती रहीं। पहली मोदी लहर में भी वह कांग्रेस की सांसद बनी थीं, लेकिन 2019 में वह हार गईं।

sushmita dev

हाल के दिनों में असम में गौरव गोगोई को कांग्रेस ने काफी बढ़ावा दिया। गौरव के पिता तरुण गोगोई असम के सीएम रहे थे और पूर्वोत्तर में कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे। माना जा रहा है कि सुष्मिता अपने को साइडलाइन किए जाने से आहत थीं। हालांकि, बीते दिनों असम-मिजोरम सीमा विवाद के भड़कने के दौरान उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ मिजोरम की सीमा तक मार्च भी निकालने की कोशिश की थी।