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IMA पोंजी घोटाला : निलंबित IAS अधिकारी विजय शंकर ने की आत्महत्या

पुलिस के अनुसार बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त शंकर यहां जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं। उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, ‘यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं।’

नई दिल्ली। निलंबित आईएएस अधिकारी बीएम विजय शंकर ने बेंगलुरु में अपने आवास पर मंगलवार शाम आत्महत्या कर ली। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। विजय शंकर बेंगलुरु के चर्चित आई मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) पोंजी घोटाला मामले में आरोपी थे। एसआईटी ने विजय शंकर को पिछले साल रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद से उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

Suspended IAS officer BM Vijay Shankar

पुलिस के अनुसार बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त शंकर यहां जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं। उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, ‘यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं।’

बता दें, सितंबर 2019 में आईएमए पोंजी स्कीम मामले में सीबीआई ने आरोपी मंसूर खान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई ने कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर 30 आरोपियों के खिलाफ 30 अगस्त 2019 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। सूत्रों के मुताबिक, कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेइमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए बेंगलुरू की अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया।

Murder

क्या है आईएमए पोंजी घोटाला? 

पोंजी घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान ने 2006 में आईएमए के नाम से एक कंपनी खोली थी। यह कंपनी कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू सहित कुछ जिलों में अपना संचालन कर रही थी। कंपनी ने लोगों के साथ निवेश के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी। कंपनी पर आरोप था कि उसने लोगों को 17-25 फीसदी का लालच देकर पैसे निवेश करवाए, लेकिन जब रिटर्न देने का समय आया तो कंपनी का मालिक मंसूर खान दुबई फरार हो गया। हालांकि, बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।