नई दिल्ली। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के बाहर निकलने पर तालिबान हवा में गोलियां चलाकर जश्न मना रहा है। अब तालिबान को एहसास हो गया है कि वो अफगानिस्तान पर अपने मनमुताबिक कानूनों को थोप सकता है। बता दें कि तालिबान को लेकर पहले से तय था कि वो अपने कब्जे के बाद अफगानियों पर शरिया कानूनों के नाम पर सख्ती करेगा। ऐसे में अब तालिबान ने एक और नया फरमान जारी किया है। बता दें कि नए ऐलान में तालिबान ने अपने एक आधिकारिक पत्र में अपने सदस्यों से कहा है कि, मानवीय तस्वीरों के साथ वो अपने नेताओं और शहीदों की फोटो लगाने पर पाबंदी होगी। जारी किए गए इस पत्र में तालिबान ने कार्यालयों, वाहनों पर, इमारतों पर, चौकों पर, बाजारों में और सड़कों आदि पर अपने नेताओं और शहीदों के अलावा किसी भी तरह की मानवीय तस्वीरें पोस्ट करने को लेकर सख्ती से मना किया है।
??????: A Taliban official letter strictly forbids its members from posting human pictures, including its leaders & martyrs in/on offices, vehicles, buildings, squares, markets & roads, etc. It shows anger on this new Taliban trend reminding that it is against the Sharia. https://t.co/IyFgcrlzBq pic.twitter.com/PRdNF2IbEu
— Ab. Sayed ترمذی سادات (@abdsayedd) September 1, 2021
बता दें कि तालिबान इस बार भले ही यह दिखाने की कोशिश में लगा है कि इस बार वो महिलाओं को पहले से अधिक स्वतंत्रता देगा, लेकिन जमीनी स्तर पर सच कुछ और ही नजर आ रहा है। बता दें कि तालिबान ने एक फरमान में साफ कर दिया है कि कामकाजी महिलाएं जबतक हालात सही नहीं होते, तबतक घरों में ही रहें।
वहीं अमेरिका के पूरी तरह से अफगानिस्तान से चले जाने पर तालिबान हवा में गोलियां चलाकर जश्न मना रहा है। लेकिन इस बीच उसे एक अकेला तालिबान विरोधी प्रांत पंजशीर क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इस इलाके में विरोध का नेतृत्व अहमद मसूद कर रहे हैं जो महान प्रतिरोध नेता अहमद शाह मसूद के बेटे हैं। अहमद शाह मसूद ने सोवियत और तालिबान बलों के सामने पहाड़ जैसी मुसीबत खड़ी कर दी थीं। कनिष्ठ मसूद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पहले उपाध्यक्ष और अब कार्यवाहक अध्यक्ष अमरुल्ला सालेह हैं। इसके अलावा अफगान सेना के हजारों सैनिक और कमांडर दोनों नेताओं में शामिल हो गए हैं, जो जरूरत पड़ने पर अंतिम फैसला करने के लिए तैयार हैं।
मसूद ने फॉरेन पॉलिसी (एफपी) पत्रिका को बताया, “अगर तालिबान सभी के साथ सत्ता साझा करना चाहता है और न्याय स्थापित करने और पूरे अफगानिस्तान को समान अधिकार और स्वतंत्रता देने के लिए तैयार है, तो मैं पद छोड़ दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा।”