newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

मोदी विरोध के मसले पर विपक्ष में खींचतान, सोनिया और ममता के बीच दावेदारी का फंसा पेच

PM Narendra Modi: सवाल ये उठा कि क्या ममता बनर्जी के नेतृत्व में कांग्रेस चलेगी ? इसका जवाब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने दे दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से लड़ने के लिए विपक्ष को सोनिया गांधी की अगुवाई में एकजुट होना चाहिए। प्रदीप ने कहा कि ममता की ओर से न्योता दिया गया है।

नई दिल्ली। मोदी विरोध का झंडा तो उठा लिया, लेकिन पेच तगड़ा फंस गया है। पेच इसका कि इस विरोध में जितने विपक्षी दल जुटेंगे, उनका नेता कौन होगा। सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के बीच नेतागीरी के इस पेच से विपक्ष का सारा प्लान फिलहाल अधर में है। ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल में बहुमत से सरकार बना ली। विधानसभा चुनावों में हर राज्य में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में ममता ने खुद को जायंट किलर साबित किया है। वहीं, कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, तो उसके नेता विपक्ष का अगुवा बनने का अधिकार हाथ से जाने नहीं देना चाहते। कुल मिलाकर मामला यहीं फंस गया है।

Sonia Gandhi and Mamata Banerjee
सवाल ये उठा कि क्या ममता बनर्जी के नेतृत्व में कांग्रेस चलेगी ? इसका जवाब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने दे दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से लड़ने के लिए विपक्ष को सोनिया गांधी की अगुवाई में एकजुट होना चाहिए। प्रदीप ने कहा कि ममता की ओर से न्योता दिया गया है। ममता ने पहले भी कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विपक्ष की रैली की थी और कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे वहां गए थे। ममता अब दोबारा यही कर रही हैं। जबकि, विपक्ष को सोनिया के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए।

Sonia Gandhi and Mamata Banerjee

उधर, कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य की ओर से सोनिया का नेतृत्व मानने के बयान के बाद तृणमूल की तरफ से भी बयान आ गया है। पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा है कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि ममता ही विपक्ष की राजनीति का केंद्र हैं। वह अपने भाषणों से बीजेपी के खिलाफ वोटों को जोड़ सकीं। खबर ये भी है कि पांच दिन के लिए दिल्ली आ रहीं ममता की सोनिया से मुलाकात भी संभव है, लेकिन इस मुलाकात में विपक्ष के नेतृत्व का मसला सुलझ सकेगा, इसकी उम्मीद अभी कम है। अगर कांग्रेस को साथ लेकर चलना ही होता, तो ममता ने पश्चिम बंगाल में ऐसा किया होता, लेकिन उन्होंने तो पश्चिम बंगाल से कांग्रेस को साफ करने का ही काम अब तक किया है। ममता 28 जुलाई को पीएम मोदी से भी मिलेंगी।