नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के राजगढ़ की कलेक्टर का थप्पड़ कांड उन्हें भारी पड़ सकता है। इस राजगढ़ थप्पड़ कांड को लेकर उच्च न्यायालय इंदौर में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसी पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय व राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।
इस याचिका में राजगढ़ कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा उतरे। उन्होंने तर्क दिया कि पहले महिला अधिकारी की चोटी खींची गई, जिसके बाद यह घटना घटित हुई।
इस याचिका में राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के द्वारा मारपीट करने के कृत्य का ज़िक्र है व एक शांतिप्रिय कार्यक्रम को अप्रत्याशित दुखद घटना में बदल देने की बात कही गई है। याचिका में मुख्य आधार लिया गया है कि कलेक्टर द्वारा CAA के विरोध में होने वाली रैली में कोई व्यवधान नही डाला गया। जबकि CAA के समर्थन में निकल रही तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मारकर व कॉलर पकड़कर सड़कों पर घसीटा गया।
याचिका में यह भी आधार लिया गया कि सम्पूर्ण घटनाक्रम की विडियोग्राफ़ी में सिर्फ कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर ही लोगो के साथ मार-पीट करते हुए नजर आ रही हैं। याचिका में प्रार्थना की गयी है कि कलेक्टर निधि निवेदिता के मजिस्ट्रेट के पावर वापस लिए जाएं, राजगढ़ में बिना वजह लगाई गई धारा 144 के आदेश को निरस्त किया जाए।