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देश को कोरोना के खिलाफ हथियार के तौर पर मिली चौथी वैक्सीन, एक ही डोज में बीमारी से देगी सुरक्षा

Johnson and Johnson’s single-dose COVID-19 vaccine: जॉन्सन एंड जॉन्सन के अलावा अमेरिका की फाइजर कंपनी की एमआरएनए वैक्सीन भी है, लेकिन इस वैक्सीन को अभी भारत में इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं मिली है। फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर रखना होता है।

नई दिल्ली। भारत सरकार ने अमेरिकी कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इससे अब देशवासियों को इस महामारी से लड़ने के लिए चौथी वैक्सीन मिल गई है। जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन सिंगल डोज है। यानी इस वैक्सीन की सिर्फ एक ही डोज लेना काफी है। जबकि, अब तक लगाई जा रही कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक की दो डोज लगानी पड़ती है। जल्दी ही देश को पांचवीं वैक्सीन भी मिलने जा रही है। शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पूनावाला ने बताया था कि एक महीने के भीतर उनके संस्थान की कोवावैक्स वैक्सीन भी बाजार में आने की उम्मीद है।

जॉन्सन एंड जॉन्सन ने सरकार के सामने अपनी सिंगल डोज वैक्सीन लाने का प्रस्ताव रखा था। सरकार ने इस पर कंपनी से कहा था कि उसे वैक्सीन के आयात, उसका भंडार बनाने की व्यवस्था खुद करनी होगी। साथ ही पहले कंपनी से कहा गया था कि अगर वैक्सीन लगवाने से कोई अपंग होता है या उसकी मौत होती है, तो कंपनी को ऐसे मामलों में हर्जाना देना होगा।

बता दें कि जॉन्सन एंड जॉन्सन के अलावा अमेरिका की फाइजर कंपनी की एमआरएनए वैक्सीन भी है, लेकिन इस वैक्सीन को अभी भारत में इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं मिली है। फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर रखना होता है। इतने कम तापमान पर इसे रखने की व्यवस्था भी अभी नहीं है। वहीं, बीते दिनों पता चला था कि फाइजर की वैक्सीन से सिर्फ छह महीने तक ही कोरोना से बचाव होता है। जबकि, कनाडा की सरकार ने दो दिन पहले इस वैक्सीन लेने वालों को गंभीर प्रतिकूल असर होने के बारे में चेतावनी भी दी है।