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MP: ‘श्री हरि, मल्टी विटामिन एक गोली रोज’, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सतना के डॉक्टर का लिखा पर्चा, जानिए क्या है पूरा मामला

MP: डॉ. सर्वेश सिंह ने साल 2017 में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। 2 साल बाद 2019 में उनकी कोटर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापना हुई। तभी से वो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू होने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां भारत भी मातृभाषा में पढ़ाई कराई जाती है।

नई दिल्ली। बीते दिन रविवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने मेडिकल की हिंदी में पढ़ाई के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया था। इसके साथ ही मध्यप्रदेश भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई कराई जाएगी। गृह मंत्री के हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के साथ ही मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने भी भारत भवन में आयोजित हिंदी विमर्श कार्यक्रम में डॉक्टरों से मजाकिया अंदाज में कहा था कि ‘दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते? जब हिंदी भाषा घर-घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी।’ अब गृह मंत्री अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह चौहान की इन बातों को सतना जिले के कोटर पीएसची में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर ने अमलिजाना पहनाने का काम किया है।

Amit Shah

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर की लिखी पर्ची काफी वायरल हो रही है। इस वायरल हो रहे पर्चे को देखे तो आपको नजर आएगा कि पर्ची को हिंदी भाषा में लिखा गया है। Rx की जगह पर श्री हरि लिखा हुआ है। इतना ही नहीं दवाईयों के नाम भी हिंदी में ही लिखे हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पर्चे को सतना जिले के कोटर पीएसची में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सर्वेश सिंह ने लिखा है।

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पहली बार लिखा गया है हिंदी में दवाई का पर्चा

मरीज के नाम से लेकर दवाईयों के बारे में डॉ. सर्वेश सिंह ने पूरी जानकारी हिंदी में लिखी है। इसके साथ ही जिले के सरकारी अस्पतालों में ये ऐसा पहला प्रिस्क्रिप्शन है जो हिंदी में लिखा गया है। हिंदी में प्रिस्क्रिप्शन लिखने के पीछे की वजह बताते हुए डॉ. सर्वेश सिंह का कहना है कि उन्हें रविवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का लाइव कार्यक्रम देखा साथ ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री का भी भाषण सुना था जिसमें उन्हें हिंदी में दवा का पर्चा लिखने की बात कही थे। इसी से उनके मन में मरीज का पर्चा हिंदी में लिखने का ख्याल आया।

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पीएचसी में पदस्थ डॉ. सर्वेश की मानें तो पेट दर्द से पीड़ित रश्मि सिंह ऐसी पहली मरीज रहीं जिनकी पर्ची को हिंदी में लिखा गया। दवा और मरीज के नाम के अलावा केस की पूरी हिस्ट्री को भी हिंदी भाषा नें लिखा गया। वायरल हुए पर्चे में आरएक्स की जगह श्री हरि का जिक्र किया गया जिसके बाद ही दवाइयों को लिखने का सिलसिला शुरू हुआ।

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आपको बता दें, डॉ. सर्वेश सिंह ने साल 2017 में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। 2 साल बाद 2019 में उनकी कोटर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापना हुई। तभी से वो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू होने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया है जहां भारत भी मातृभाषा में पढ़ाई कराई जाती है। भारत से पहल यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिजस्तान और फिलीपींस जैसे देशों में हिंदी में इसकी पढ़ाई कराई जाती है।