नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के दौरान यूसीसी पर बयान दिया, जिससे हड़कंप मच गया. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने पीएम मोदी की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए देश को एक परिवार के बराबर बताया है।
चिदंबरम ने बताया कि जहां एक परिवार रक्त संबंधों के बंधन से बंधा होता है, वहीं एक राष्ट्र संविधान के ढांचे के तहत एक साथ आता है, जो एक राजनीतिक और कानूनी दस्तावेज है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक परिवार के भीतर भी विविधता मौजूद होती है। हमारे देश का संविधान भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है। कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने कहा कि बहुमत सरकार के एजेंडे की आड़ में समान नागरिक संहिता को लोगों पर नहीं थोपा जा सकता।
The Hon’ble PM has equated a Nation to a Family while pitching for the Uniform Civil Code (UCC)
While in an abstract sense his comparison may appear true, the reality is very different
A family is knit together by blood relationships. A nation is brought together by a…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 28, 2023
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट से परिचित होना चाहिए और प्रदर्शित करना चाहिए कि यूसीसी एक सामान्य प्रथा है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से बताता है कि यह वर्तमान में संभव नहीं है। यूसीसी मुद्दे को संबोधित करते हुए, चिदंबरम ने भारतीय नागरिकों की विविध सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने यूसीसी मुद्दे को संबोधित करते हुए भारतीय आबादी की विविध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया। समान नागरिक संहिता को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ी हुई है। इस पर गरमाती सियासत को राष्ट्र उत्सुकता से देख रहा है, इस मामले पर भविष्य की दिशा अनिश्चित बनी हुई है।