लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के प्रसार के शुरुआत के साथ ही प्रदेश में आम जनता से जुड़ी हर समस्या को सीधे तौर पर खुद से समीक्षा करने का काम शुरू कर दिया। ठंड के बाद से कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में प्रदेश में सड़कों के किनारे रह रहे गरीब और निराश्रितों को इन दोनों समस्याओं से बचाने के लिए भी योगी आदित्यनाथ लगातार ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर में रैन बसेरों में सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रैन बसेरों के संचालन में कोविड-19 से बचाव के लिए सभी प्रबन्ध करने के भी निर्देश भी दिए। वहीं इसके साथ ही इस पूरे मामले की समीक्षा भी खुद योगी आदित्यनाथ अपने स्तर पर कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शीत ऋतु में गरीबों और निराश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में रैन बसेरों की व्यवस्था कराई गई है। प्रत्येक जनपद में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई खुले में न सोए। यदि कोई ऐसा दिखे तो उसे रैन बसेरे तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी विभाग अपने बजट का सदुपयोग करें। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रहीं पेयजल योजनाओं को समय से पूर्ण करने के लिए इनकी गहन मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल की बड़ी योजनाएं संचालित करने के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कामगारों और श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ गठित किया है। उन्होंने कहा कि यह आयोग पूरी तरह सक्रिय रहते हुए कामगारों और श्रमिकों के लिए अधिकाधिक सेवायोजन एवं रोजगार के अवसर सृजित कराये।