newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Swami Prasad Maurya Join SP: स्वामी प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के ये बागी विधायक हुए अखिलेश की साइकिल पर सवार

Swami Prasad Maurya Join SP: इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी से रूखसत होने के बाद जिस तरह की चर्चाएं सियासी गलियारों में शुरू हो गई है, उसे लेकर आज उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मेरे इस्तीफे को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर सियासी गलियारों में चर्चा के बाजार को गुलजार करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य समेत पार्टी के 6 बागी विधायकों ने सपा का दामन थाम लिया है। हालांकि, स्वामी के इस्तीफे देने के तुरंत बाद ही अखिलेश यादव ने उनके साथ ट्विटर पर अपनी तस्वीर साझा कर इस बात की अनाधिकृत पुष्टि कर ही दी थी कि अब स्वामी साइकिल की सवारी करने का मन बना चुके हैं। लेकिन इसे लेकर अंतिम प्रतिपुष्टि करने से बचा जा रहा था। वहीं, आज स्वामी समेत 6 बागी विधायक सपा की साइकिल पर सवार हो ही गए। इस दौरान स्वामी ने जहां बीजेपी पर हमला बोला तो वहीं सपा के नाम तारीफों के कसीदे भी पढ़े। उन्होंने बीजेपी पर दलितों और पिछड़ों को उपेक्षित करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी दलितों के हित के बारे में नहीं सोचती है। बता दें कि स्वामी के अलावा धर्म सिंह सैनी, भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशनलाल वर्मा, मुकेश वर्मा, बृजेश कुमार प्रजापति, चौधरी अमरसिंह ने सपा का दामन थामा है।

इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी से रूखसत होने के बाद जिस तरह की चर्चाएं सियासी गलियारों में शुरू हो गई है, उसे लेकर आज उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मेरे इस्तीफे को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि मेरे बेटे को पार्टी ने टिकट नहीं दिया इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया तो कोई कह रहा है कि मैं दलबदलू हूं, लेकिन मेरे पार्टी छोड़ने की वजह यह है कि अब बीजेपी दलित हितैषी पार्टी नहीं रही। सूबे के पिछड़ों से उनका कोई सरोकार नहीं रहा है और अब मेरा ऐसे किसी भी दल के साथ काम करने का कोई ख्याल नहीं है, जो दलितों के बारे में नहीं सोचती है। लिहाजा मैंने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सपा का दामन थाम लिया है। स्वामी ने कहा कि एकमात्र सपा ही है,जो दलितों के हितों के बारे में सोचती है, उनके उत्थान की दिशा में काम करती है। वहीं, स्वामी के इस्तीफे के बाद बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

बता दें कि उम्मीदवारों की सूची जारी करने से पहले चुनाव समिति की बैठक में पार्टी ने साफ कर दिया था कि ऐसे किसी भी विधायक को टिकट नहीं दिया जाएगा, जो परिवारवाद को बढ़ावा देता है या पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा न उतरा हो। ऐसे में अब यह देखना होगा कि इस बार पार्टी की तरफ से कितने लोगों का पत्ता साफ होता है। वहीं दूसरी तरफ यह देखना भी दिलचस्प रहेगा कि स्वामी को सपा की तरफ कहां से टिकट मिलता है।