newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi Riots: दिल्ली दंगों में शामिल ये अहम आरोपी गिरफ्तार, उगले कई राज, बताया कैसे तैयार की थी दंगे की स्क्रिप्ट

Delhi Riots: इसके बाद चांद बाग इलाकों में दंगाइयों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका था। योजनाबद्ध तरीके से दंगाइयों ने सभी संवेदनशील इलाकों में पथराव करना शुरू कर दिया। बहरहाल, दिल्ली दंगों की जांच अभी-भी जारी है। अब पुलिस आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की की निगाहें टिकी रहेंगी।

नई दिल्ली। सीएए के विरोध में हुए राजधानी दिल्ली में दंगे को पूरे तीन साल हो चुके हैं। इन तीन सालों में दंगों में शामिल कई आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है, तो कइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आज दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद खालिद को हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि दिल्ली में दंगों को अंजाम देने की रूपरेखा उसी के घर पर तैयार की गई थी, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल थे। अब पुलिस उसकी निशानदेही पर इस कुकृत्य में संलिप्त अन्य आरोपियों की तलाश में भी जुट चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद खालिद पिछले तीन सालों से फरार था। वह दिल्ली के चांदबाग इलाके का रहने वाला है। इस मामले में 750 से भी अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। इस दंगे में कांस्टेबल रतन लाल की भी हत्या कर दी गई थी। खालिद भारत-म्यांमार की सीमा के पास छुपा हुआ था।

जानिए पूरा माजरा

खालिद को राजधानी इंफाल से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल उससे पूछताछ का सिलसिला जारी है। अब तक उसने मामले के संदर्भ में कई बड़े खुलासे किए हैं। अब आगामी दिनों वो पूछताछ को लेकर क्या कुछ खुलासा करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, आपको बता दें कि 2020 वो अपने बड़े भाई अयाज के साथ भी दंगों में शामिल था। दंगों में प्रयुक्त होने वाले सभी सामान उसके घर पर एकत्रित किए गए थे, ताकि इस नापाक इरादों को जमीन पर उतारा जा सकें। दंगों के दौरान चांद बाग इलाकों में भारी भीड़ एकत्रित हो गई थी। इसके बाद चांद बाग इलाकों में दंगाइयों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका था। योजनाबद्ध तरीके से दंगाइयों ने सभी संवेदनशील इलाकों में पथराव करना शुरू कर दिया। बहरहाल, दिल्ली दंगों की जांच अभी-भी जारी है। अब पुलिस आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की की निगाहें टिकी रहेंगी।

क्यों हुए ये दंगे

बता दें कि साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून लेकर आई थी, जिसमें हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था, जिसका भारत में मुस्लिम समुदाय की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध किया जाना लगा। दरअसल, उन्हें यह डर दिखाया जाने लगा कि अगर इस कानून को लागू कर दिया गया, तो उनकी नागरिकता पर आंच आ सकती है। हालांकि, उस वक्त केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाकायदा संसद में दिए अपने भाषण में स्पष्ट कर दिया था कि इस कानून से किसी की भी नागरिकता पर आंच नहीं आएगी। वहीं, जो लोग ये प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इससे किसी की नागरिकता खत्म हो सकती है, वो गलत सोच रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ, लेकिन कुछ दिनों बाद ही शांतिपूर्ण चलने वाला यह विरोध हिंसा का रुख अख्तियार कर गया जिसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बहरहाल, अब तक इस हिंसा में संलिप्त कई लोगों को गिरफ्तार किया ज चुका है। अब आगामी दिनों में किन लोगों के खिलाफ उक्त मामले में कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।