लखनऊ। यूपी के विधानसभा चुनाव को लगातार दूसरी बार जीतने वाली बीजेपी अब सरकार के चेहरे-मोहरे पर मंथन कर रही है। सीएम के तौर पर तो योगी आदित्यनाथ ही रहेंगे, लेकिन बाकी मंत्रिमंडल का स्वरूप कैसा हो, इसे लेकर दिल्ली में मंथन जारी है। सीएम योगी कल दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी। आज वो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मिलने वाले हैं। पीएम मोदी के साथ योगी की बैठक सबसे लंबी करीब 2 घंटे तक चली। इसी बैठक पर सबकी निगाह लगी हुई थी। माना जा रहा है कि मोदी और योगी की बैठक में ही मंत्रियों के नाम पर मुहर लग गई है।
टीवी चैनल ‘एबीपी न्यूज’ का कहना है कि यूपी में 57 मंत्रियों को 21 या 22 मार्च को शपथ दिलाई जाएगी। इनमें 22 कैबिनेट मंत्री होंगे। वहीं, हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ के मुताबिक सरकार गठन में चुनावों का असर देखा जाएगा। मसलन, पश्चिमी यूपी में जाट और गुर्जरों ने बीजेपी को बड़ा समर्थन दिया, तो इन समुदायों के मंत्री बनेंगे। साथ ही ब्राह्मण, कायस्थ और ठाकुर मंत्री भी योगी सरकार में अहम पदों पर दिखने की उम्मीद है। बुंदेलखंड और अवध इलाके में बीजेपी को भरपूर समर्थन मिला। इस वजह से इन इलाकों के भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। पूर्वांचल पर बीजेपी का अब भी फोकस बना रहेगा। खुद सीएम योगी पूर्वांचल के ही गोरखपुर से आते हैं। उनके अलावा एक या दो मंत्री वहां से बन सकते हैं।
सबसे खास बात ये कि दलितों और पिछड़ों को भी योगी सरकार में बड़े ओहदे सौंपे जा सकते हैं। पार्टी का दलित चेहरा बेबी रानी मौर्य के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। बीजेपी के कुछ कद्दावर नेता इस बार चुनाव में हारे भी हैं। इनमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी हैं। फिर भी पिछड़ा वर्ग से आने वाले केशव को भी योगी सरकार में फिर अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।