नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जरूरी जमीन को लेकर विपक्ष ने राम मंदिर ट्रस्ट पर आरोप लगाया है। बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट पर आप, सपा और कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया है कि 2 करोड़ की जमीन को 18 करोड़ में खरीदा गया है। मतलब जमीन को लेकर 16 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। वहीं आरोपों के बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से इस मामले में सफाई भी दी गई है। हालांकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता चंपत राय ने आधिकारिक पत्र जारी कर कहा कि, राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग इस मामले में राजनीति कर रहे हैं और गलत जानकारी फैला रहे हैं।
राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित लोग ज़मीन ख़रीद के सम्बंध में समाज को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहें हैं। pic.twitter.com/jfENrubyOp
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) June 13, 2021
बता दें कि इस सफाई के बाद सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए चंदा देने वाले लोगों को साथ विश्वासघात किया जा रहा है। रामजन्मभूमि ने 18.5 करोड़ रुपये की जो जमीन खरीदी वो उससे 5 मिनट पहले केवल 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई।”
वहीं सिसोदिया के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क गया। कुछ लोगों ने मनीष सिसोदिया को भला-बुरा कहने लगे। एक यूजर ने लिखा कि, “हमारा पैसा हमारा ट्रस्ट, जो चाहें सो करेंगे, अबे टकले तूने और तेरे बाप ने एक रुपया भी दिया हो तो बता, नालायक”
देखिए किस तरह लोगों ने मनीष सिसोदिया पर अपना गुस्सा निकाला..
#Ayodhya राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में कोई घोटाला नही हुआ है, जमीन का एग्रीमेंट 3 साल पहले 2 करोड़ रुपए में हुआ था, बाद में 18 तारीख को एग्रीमेंट के तहत उसका बैनामा ले लिया गया, फिर उस जमीन को ट्रस्ट को 18 करोड़ में बेच दिया गया। सरकार भी सर्किल रेट का 4x देती है। #अयोध्या
— Prakash Sahu (@Prakash64641016) June 14, 2021
मनीष सिसोदिया जी राम मंदिर के बारे में आप मत बोलिए आप तो राम मंदिर बनाने के लिए बहुत बड़ा खिलाते आप एक बड़ा मस्जिद बनाइए क्योंकि आपको तुष्टीकरण की राजनीति करना आता है आप एक बड़ा प्लान मस्जिद बना कर मुसलमान लोगों को खुश कर आइए उसमें आपको भलाई है
— Ranjan Das (@RanjanD58029426) June 14, 2021
delhi sambhal le dalle… phir ram mandir ki baat kar
aur maine chanda diya hai aur mujhe ram mandir nyas par bharosa hai…
— Urban भक्त ?? (@UrbanBhakt) June 14, 2021
आम भिखारी पार्टी के एक भी सदस्य ने राममंदिर के लिए कोई राशि नही दी, फिर भी राममंदिर की चिंता करते है।
क्यो पता है?
2022 में यूपी में चुनाव है और हिन्दुओ को वोटबैंक मानके अपनी और खीचना है क्योंकि अब हिन्दुओ किआ आस्था राम से पूर्ण जुड़ गई है। सभी मौकापरस्त गिद्ध अब राजनीति करेंगे।— असहिष्णु संघी?? (@AsahishnuSanghi) June 14, 2021
Ye log ram mandir ke khilaf to phle se hi the @msisodia @ArvindKejriwal pic.twitter.com/TPXGGO0OIW
— #Rakesh karn ???????????? (@RakeshK02007788) June 14, 2021
शाहीन बाग वाला एक और महाझूठ फैला रहा है।
— Jaswant Singh (@JasBJP) June 14, 2021
मंदिर का पैसा हमने दान में दिया, मंदिर हमारा है, हमें ट्रस्ट पर भरोसा है। वो सरकारी पैसा नहीं है कि भीमटे और मीमटे आपिये लिब्रान्दू हिसाब माँग रहे हैं।
आपिये ! तू ये बता हमारा राशन तूने क्यो सड़ाया ?— अमरेन्द्र सिंह ?? (@amarendra_hindu) June 14, 2021
कुत्तों के भौंकने से कारवां नहीं रुका करते ।
जो घोटाले की बात कर रहे हो , तेरी असली परेशानी ये है की तुझे ये पूंजी अपने खाते में चाहिए।
किसी ने सोचा भी नहीं था कि बिना किसी सरकारी मदद के देश का हर तबका बड चढ कर दान देगा ।— Jyoti Suyal ?? (@JyotiSuyal5) June 14, 2021
बता दें कि विपक्ष के आरोपों पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी करारा प्रहार करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि, “जिन राजनीतिक दलों ने दशकों तक कोर्ट में राम जन्मभूमि के निर्णय में अड़ंगा लगाया, तुष्टिकरण के चलते भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया, कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उनसे ये अपेक्षा भी नहीं करनी चाहिए कि वो मंदिर निर्माण का कार्य बिना किसी दुर्भावना के संपन्न होने देंगे।”
गौरतलब है कि इस मामले में सबसे पहले सपा के पूर्व विधायक पवन पाण्डेय ने कागज दिखाते हुए आरोप लगाया कि पहले 2 करोड़ में जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया और 5 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में मंदिर ट्रस्ट को यह जमीन बेच दी गई।
इसके अलावा अयोध्या में मंदिर ट्रस्ट के नाम पर घोटाले के आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि अयोध्या में विश्वहिंदू परिषद पर कई सौ करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप मंदिर ट्रस्ट के नाम पर पहले भी लगा है उसकी भी कोई सफाई विश्व हिंदू परिषद की तरफ से नहीं आई है। आज जो आरोप विश्व हिंदू परिषद पर लग रहे हैं इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए अगर ये लूट हुई है तो उन लोगों को साधारण लोगों से ज़्यादा कई गुना ज्यादा सज़ा मिलनी चाहिए।