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Uttar Pradesh: महिला डॉक्टर की जान बचने के लिए योगी सरकार ने बढ़ाया हाथ, करेगी डेढ़ करोड़ की आर्थिक सहायता

Uttar Pradesh: यूपी की डॉक्टर शारदा सुमन, जिन्होने ‘जान भी जहान भी’ के संकल्प के साथ कोरोना महामारी का डट कर मुकाबला किया। लेकिन आज वह खुद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं। जिनकी मदद के लिए अब योगी सरकार ने हाथ बढ़ाया है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में डटकर खड़े रहे डॉक्टर्स ने कई लोगों की जान बचाई। देशवासियों को इस संकट से निकालने के लिए हर संभव कोशिश की गई,जो अभी भी जारी है। लोगों को इस संक्रमण से बचाते हुए कई डॉक्टर्स खुद संक्रमित हो गए और कई डॉक्टर्स यह जंग लड़ते-लड़ते जिंदगी की जंग हार गए। लेकिन फिर भी चिकित्सकों ने हार नहीं मानी, उन्हीं में से एक हैं यूपी की डॉक्टर शारदा सुमन। जिन्होंने ‘जान भी जहान भी’ के संकल्प के साथ कोरोना महामारी का डट कर मुकाबला किया। लेकिन आज वह खुद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं। जिनकी मदद के लिए अब योगी सरकार ने हाथ बढ़ाया है।

डॉ शारदा सुमन करीब 45 दिनों से इकमो मशीन के सहारे सांसें ले रही हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि उनके फेफड़ों का प्रत्यारोपण किया जाएगा तब ही वह सांस ले पाएंगी। जिसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च है, लेकिन शारदा का परिवार पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है जिस वजह से यह इलाज करवा पाना उनके लिए आसान नहीं था। ऐसे में जब उन्होंने आर्थिक सहायता के लिए यूपी सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई तो मामला संज्ञान में आते ही सीएम योगी ने जरा भी देरी किए बिना डॉक्टर शारदा के लिए आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया।

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बता दें कि राम मनोहर लोहिया संस्थाान की निदेशक डॉ सोनिया नित्‍यानंद, सीएमएस डॉ राजन भटनागर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर डॉ शारदा का हाल बताते हुए उनकी जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया। जिसके बाद सीएम ने उनको आर्थिक सहायता देने की बात कही है।

कोरोना काल में निभाई पूरी ड्युटी
अपनी पत्नी का हाल बताते हुए डॉ शारदा सुमन के पति ने बताया कि उनकी पत्नी की उम्र 31 साल है। जिन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। डॉ राम मनोहर लोहिया में बतौर जूनियर रेजिडेंट उन्होंने कोरोना के दौरान ड्यूटी की। जिसके बाद मरीज के संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो गईं। अप्रैल 14 को उनमें हल्के लक्षण देखे गए जिस वजह से उन्हें होम आइसोलेट किया गया था। लेकिन अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें 19 अप्रैल आठ माह की गर्भावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक मई को ऑपरेशन से डिलिवरी होने के बाद उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद डॉक्टरों ने फेफड़े के प्रत्यारोपण की जानकारी दी। आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण परिवार वाले इस महंगे प्रत्यारोपण को कराने में असमर्थ थे जिसके बाद डॉक्टरों ने सीएम से मदद की गुहार लगाने को कहा।

योगी सरकार देगी डेढ़ करोड़ की सहायता
योगी सरकार ने डॉ शारदा के इलाज के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। ताकि उनके फेफड़े का प्रत्यारोपण करवाया जा सके। इसके बाद हार मान चुके शारदा के परिवार वालों ने योगी सरकार का शुक्रिया करते हुए कहा कि सरकार हमारे परिवार के लिए मसीहा है। मुख्यामंत्री जी ने जिस तरह से तेजी से सुनवाई करते हुए मदद के हाथ बढ़ाए हैं वो हमारे लिए बड़ी बात है।

आमजन की मदद करती है योगी सरकार
सीएम योगी ने गाजीपुर मामले में भी मदद के हाथ बढ़ाते हुए तुरंत कार्रवाई की थी। गाजीपुर में गंगा नदी में मिली 21 दिन की मासूम की खबर संज्ञान में आते ही उसके पालन पोषण करने घोषणा की थी। बता दें कि 14 जून को गंगा नदी में लकड़ी के बॉक्स में एक मासूम मिली थी जब यह खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया और इस गंगा के पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठा ली। साथ ही मल्लाह परिवार के लिए पीएम आवास की भी घोषणा भी की थी।