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UP: दो लाख का इनामी बदमाश मनीष सिंह सोनू पुलिस एनकाउंटर में हुआ ढेर, गैंग के साथ मिलकर करता था लूट की वारदात

UP: मनीष सिंह सोनू का नाम वाराणसी पुलिस के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल था। वाराणसी पुलिस के लिए पहेली बने मनीष का नाम पिछले दिनों चौकाघाट दोहरे हत्याकांड में भी आया था। इसके अलावा रोहनिया पुलिस भी एक मामले के तहत सोनू की तलाश में थी।

नई दिल्ली। अपराध पर लगाम लगाने के नाम पर सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा सरकार का अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी है। जहां एक ओर बुल्डोजर बाबा यानी योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं, वहीं भ्रष्टाचार और अपराध पर उनकी गाज भी गिर रही है। बीते दिनों हापुड़ में भू-माफिया पर बुल्डोजर चला था और अब आज यानी सोमवार को वाराणसी में एक कुख्‍यात अपराधी मनीष सिंह उर्फ सोनू को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। अपराधी मनीष सिंह के खिलाफ पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को मनीष की तलाश पिछले काफी समय से थी। उसे कई संगीन मामलों में लिप्त पाया गया था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि मनीष ‘लोहता’ थाना क्षेत्र में छुपा हुआ है। सूचना मिलते ही उसे पकड़ने के लिए एसटीएफ ने विशेष अभियान चलाया। एसटीएफ द्वारा चलाए गए सुनियोजित ऑपरेशन में सोनू का एनकाउंटर कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक आगे की तहकीकात चल रही है। तहकीकात पूरी होने के बाद पुलिस की ओर से इस पूरे एनकाउंटर पर जानकारी जल्द ही जारी कर दी जाएगी।

बताया जा रहा है कि मनीष सिंह सोनू का नाम वाराणसी पुलिस के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल था। वाराणसी पुलिस के लिए पहेली बने मनीष का नाम पिछले दिनों चौकाघाट दोहरे हत्याकांड में भी आया था। इसके अलावा रोहनिया पुलिस भी एक मामले के तहत सोनू की तलाश में थी। कहा जा रहा है कि मनीष सिंह सोनू एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था और लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर के रहने वाले अनिल सिंह का बेटा था। मनीष सिंह उर्फ सोनू बचपन में अपने मामा सुरेंद्र सिंह के यहां चोलापुर के उंदी गांव में रहता था। उसमें बचपन से ही आपराधिक प्रवृत्ति जन्म ले चुकी थी। बाद में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंग बनाया और अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसने अपने गैंग के साथ मिलकर कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जिसके बाद वो चर्चा में आ गया। चोरी और लूट के मामलों में मनीष चार साल की जेल की सजा भी काट चुका था।

जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने गैंग के साथ मिलकर 59 लाख रुपये बैंक कैश लूट की घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद वो सबकी नजरों में आ गया। बताया जाता है कि जेल की सजा के दौरान उसकी दोस्ती सनी सिंह उर्फ रोहित सिंह और रोशन गुप्ता किट्‌टू से हो गई थी। इन लोगों के साथ मिलकर वह लूट की घटनाओं को अंजाम देता था। सनी सिंह, रईस बनारसी और किट्टू के मारे जाने के बाद मनीष ही गैंग का संचालन कर रहा था।