newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Mulayam Singh Yadav: लालू, शरद, वीपी और चंद्रबाबू, इन नेताओं की वजह से 2 बार पीएम बनने से चूक गए थे मुलायम, खुद जताया था अफसोस

मुलायम सिंह की सियासत का सफर यूं तो यूपी से शुरू हुआ, लेकिन वो देश के बड़े कद्दावर नेताओं की कतार में शामिल हो गए थे। हर पार्टी में उनके दोस्त थे। सियासी मौकों को भुनाने में मुलायम बेजोड़ माने जाते थे। हालांकि, 2 बार वो इन मौकों को भुना नहीं सके और पीएम पद पर पहुंचते-पहुंचते रह गए। ये दोनों वाकये 1996 और 1999 के हैं।

नई दिल्ली। मुलायम सिंह की सियासत का सफर यूं तो यूपी से शुरू हुआ, लेकिन वो देश के बड़े कद्दावर नेताओं की कतार में शामिल हो गए थे। हर पार्टी में उनके दोस्त थे। सियासी मौकों को भुनाने में मुलायम बेजोड़ माने जाते थे। हालांकि, 2 बार वो इन मौकों को भुना नहीं सके और पीएम पद पर पहुंचते-पहुंचते रह गए। ये दोनों वाकये 1996 और 1999 के हैं। मुलायम पहले कई बार खुद कह चुके थे कि किस तरह वो पीएम नहीं बन सके। 1996 की बात करें, तो लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को सिर्फ 141 सीटें मिली थीं। सबसे बड़ा दल बीजेपी थी। राष्ट्रपति ने बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी को पीएम की शपथ दिलाई, लेकिन वो 13 दिन ही पीएम रहे। फिर कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाने से इनकार कर दिया। इसके बाद लालू यादव का नाम चला, लेकिन वो चारा घोटाले में फंसे थे। वीपी सिंह और ज्योति बसु के नाम भी पीएम के लिए चले, लेकिन इन नामों पर रजामंदी नहीं बनी। फिर मुलायम का नाम आगे आया, लेकिन लालू और शरद यादव ने विरोध कर दिया और मुलायम सिंह पीएम बनते-बनते रह गए।

sonia with mulayam

मुलायम सिंह यादव को फिर पीएम बनने का मौका 1999 में मिला, लेकिन तब भी वो नाकाम रहे। उस बार वो यूपी की संभल और कन्नौज लोकसभा सीटों से जीतकर संसद पहुंचे थे। पीएम पद के लिए उनका नाम चला। लग रहा था कि मुलायम पीएम बन जाएंगे, लेकिन फिर नाम पर नेताओं में रजामंदी नहीं बनी। मुलायम ने खुद कहा था कि वो पीएम बनना चाहते थे, लेकिन वीपी सिंह, लालू यादव, शरद यादव और चंद्रबाबू नायडू की वजह से वो इस सबसे बड़े पद तक नहीं पहुंच सके। इसका मुलायम को जिंदगी भर खेद भी रहा। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी सपा ने एलान किया कि इस बार मुलायम को पीएम बनाना है, लेकिन बीजेपी ने बाजी मारी और नरेंद्र मोदी देश के पीएम बन गए।

mulayam singh yadav

मुलायम सिंह यादव अब नहीं हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी का बड़ा सहारा छिन गया है। अखिलेश यादव हालांकि काफी वक्त से सियासत में हैं और पिता के आशीर्वाद से यूपी के सीएम भी रहे हैं, लेकिन चाचा शिवपाल यादव से उनकी तनातनी सपा के लिए दिक्कतों का सबब भी बन सकती है। मुलायम सिंह ने हालांकि इतिहास में नाम दर्ज कराया है और जब भी यूपी की सियासत की चर्चा होगी, उनका नाम शायद सबसे आगे लिया जाए।