नई दिल्ली। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के पर यूपी पुलिस द्वारा रखे गए इनाम को लेकर चर्चा अब जोरों पर है। उज्जैन से पकड़ा गया विकास दुबे, एनकाउंटर में मारा तो गया लेकिन उसके ऊपर रखा गया 5 लाख का इनाम किसे मिलेगा, इसको लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है। आपको बता दें कि इसके लिए उज्जैन के एसपी ने एक कमेटी बनाई है जो इसका निस्तारण करेगी।
माना ये भी जा रहा है कि इस गैंगस्टर की गिरफ्तारी में कई लोग शामिल थे। उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने 3 एडिशनल एसपी की एक टीम बनाई है जो इस संबंध में पड़ताल करेगी कि इनाम किसे मिलना चाहिए। 3 एडिशनल एसपी की इस टीम में ग्रामीण एएसपी, शहरी एएसपी और क्राइम एएसपी शामिल हैं। तीनों मिलकर रिपोर्ट तैयार करेंगे कि विकास दुबे को पकड़वाने के लिए इनाम किसे दिया जाना चाहिए।
विकास दुबे 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था। पहले उस पर एक फूल वाले को शक हुआ था जिसने महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगी टीम को इसकी जानकारी दी थी और इसके बाद महाकाल थाने की पुलिस ने उसे मंदिर की पुलिस चौकी पर लाकर शुरुआती पूछताछ की थी। फिर उसे अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था।
एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किस पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और प्राइवेट एजेंसी का क्या रोल रहा है। सूचना देने से लेकर इंट्रोगेशन से लेकर हैंड ओवर करने तक किन-किन का रोल रहा है। इसके लिए हमने तीनों एडिशनल एसपी (ग्रामीण एएसपी आकाश भूरिया, शहरी रूपेश द्विवेदी और क्राइम एएसपी अमरेंद्र सिंह) की एक समिति गठित की है जो किस अधिकारी और कर्मचारी का क्या योगदान रहा है तथा किसे इनाम दिया जाना चाहिए, इस पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी और रिपोर्ट आते ही हम अगली कार्रवाई के लिए सूचित करेंगे।’
वहीं यूपी पुलिस से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद इनाम संबंधी पत्र के सवाल पर एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। कोई अच्छा काम होता है तो पुलिस के उत्साहवर्धन के लिए हम लोग इनाम देते हैं। ये हमारी पुलिस ने किया है और जिन्होंने भी अच्छा काम किया है, उनको भी अच्छे इनाम के लिए प्रयास करूंगा। इनाम दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है। अभी बाबा महाकाल की सवारी चल रही है और उज्जैन में कोरोना का संकट भी बना हुआ है। जो समिति मैंने बनाई है, उसके सदस्य एक-एक करके लोगों से बात कर रहे है और जल्द से जल्द रिपोर्ट दी जाएगी।’