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Karnataka: सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारी शुरू, इन विपक्षी नेताओं को किया गया आमंत्रित, तो इन्हें किया नजरअंदाज

Karnataka: चुनाव जीतने के बाद अब सवाल यह उठा कि आखिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा। चर्चा में दो ही नाम थे। पहला सिद्धारमैया और दूसरा डीके शिवकुमार। अब पार्टी के अंदर इस बात को लेकर अंतर्कलह हो गई कि सीएम की कमान किसे सौंपी जाएगी। खैर, दीर्घ चिंतन-मंथन के बाद पार्टी ने यह कमान सिद्धारमैया को सौंप दिया।

नई दिल्ली। जब कर्नाटक में चुनाव नहीं हुए थे, तो लोगों के जेहन में यही सवाल उठ रहा था कि कर्नाटक का किला कौन फतह करेगा। इसके बाद चुनाव हुए और कांग्रेस बाजी मार गई। कांग्रेस के बाजी मारने के बाद हिंदुस्तान की राजनीति में सियासी गलियां गुलजार हो गईं। लोगों के जेहन में यही सवाल आया कि आखिर मोदी लहर के बावजूद भी ऐसा कैसे हो गया कि कांग्रेस बाजी मार गई। खैर, सवाल तो अब अपनी जगह हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस अब बाज मार चुकी है, जिसके बाद अब पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए काफी उत्साहित नजर आ रही है।

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वहीं, चुनाव जीतने के बाद अब सवाल यह उठा कि आखिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा। चर्चा में दो ही नाम थे। पहला सिद्धारमैया और दूसरा डीके शिवकुमार। अब पार्टी के अंदर इस बात को लेकर अंतर्कलह हो गई कि सीएम की कमान किसे सौंपी जाएगी। खैर, दीर्घ चिंतन-मंथन के बाद पार्टी ने यह कमान सिद्धारमैया को सौंप दिया। वहीं डीके को भी निराश नहीं किया गया है। उन्हें भी डिप्टी सीएम के पद से विभूषित किया गया है, क्योंकि पार्टी ने पहले कुछ नेताओं को निराश करने का खामियाजा भुगत रही है, जिसमें राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट कें बीच जारी खींचतान और मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत की भारी कीमत कांग्रेस सत्ता गंवाकर चुका चुकी है। उधर, छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मारामारी जारी है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब इस फेहरिस्त में कर्नाटक को शामिल नहीं करना चाहती थी। ऐसे में बहुत ही सूझबूझ से फैसला लिया गया है, लेकिन अब जिस तरह से डीके शिवकुमार के भाई ने यह बयान दिया है कि आगे देखेंगे, उसे लेकर भी पार्टी को सतर्क हो जाने की जरूरत है।

वहीं, 20 मई यानी की शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह है, जिसमें विपक्षी के कई नेताओं को न्योता भेजा गया है, जिसमें नीतीश कुमार, तेजस्वी, एमके स्टालिन, महबूबा मुफ्ती, डी राजा और हेमंत सोरेन को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, उद्धव ठाकरे, बीआरएस और जनगमोहन रेड्डी को छोड़कर सभी विपक्षियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं, केसीआर और पी विजयन को अभी तक आमंत्रित नहीं किया गया है। इसके अलावा जिन विपक्षी नेताओं को अभी तक आमंत्रित नहीं किया गया है, उसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में कर्नाटक की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम