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Politics: यूपी में रोजगार देने का वादा करती हैं प्रियंका, लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान में बेरोजगारी का है ये हाल

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में हर दूसरे ग्रेजुएट के पास कोई नौकरी नहीं है। राजस्थान में ऐसे बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं की संख्या 20 लाख 67 हजार है। कुल बेरोजगारों की बात करें, तो राजस्थान में करीब 65 लाख लोग बेरोजगार हैं।

जयपुर। यूपी में चुनाव हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी घूम-घूमकर लोगों से कह रही हैं कि बेरोजगारों को उनकी पार्टी की सरकार बनने पर रोजगार दिया जाएगा, लेकिन उनका ये वादा राजस्थान के मामले में बेअसर है। ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राजस्थान में प्रियंका की पार्टी यानी कांग्रेस की ही सरकार है, लेकिन इस राज्य में देश में सबसे ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में हर दूसरे ग्रेजुएट के पास कोई नौकरी नहीं है। राजस्थान में ऐसे बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं की संख्या 20 लाख 67 हजार है। कुल बेरोजगारों की बात करें, तो राजस्थान में करीब 65 लाख लोग बेरोजगार हैं और देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में बेरोजगारी की आंकड़ों से ये 1.5 से 3 गुना तक ज्यादा है।

Rahul and Priyanka

 

राजस्थान में रीट के अभ्यर्थी कितने परेशान हैं, ये बीते दिनों सामने आया था। रीट अभ्यर्थी प्रियंका से मिलने के लिए लखनऊ भी आए थे। बेरोजगारों ने यूपी कांग्रेस के दफ्तर के बाहर कई घंटे धरना दिया था, लेकिन प्रियंका इनसे मिले बगैर पिछले रास्ते से चुपचाप निकल गई थीं। रीट के अभ्यर्थी पदों की संख्या बढ़ाने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। यहां तक कि कांग्रेस के ही नेता सचिन पायलट भी इस मसले पर गहलोत को चिट्ठी तक लिख चुके हैं, लेकिन सरकार के मुखिया ने उस पर भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi

राजस्थान में इतना ही नहीं हो रहा है। जिन दलितों पर अत्याचार का वास्ता देकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी लगातार यूपी की बीजेपी सरकार को घेरते रहे हैं, उन्हीं दलितों का मसला आता है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। आए दिन महिलाओं से रेप हो रहा है, लेकिन कभी भी राहुल या प्रियंका ने इसके खिलाफ कोई आवाजा नहीं उठाई। दीया तले अंधेरा वाली कहावत को हकीकत का रूप देते हुए राजस्थान के मसलों पर दोनों नेता कुछ भी कहने से परहेज करते दिखते हैं।