नई दिल्ली। पूरी दुनिया में बंगाल दुर्गा पूजा (Durga Puja) के भव्य आयोजन के लिए मशहूर है। इसकी लोकप्रियता का अंदाज, इस बात से लगाया जा सकता है, अब अतंरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संगठन UNESCO इसे हेरिटेज में शामिल कर लिया है। कोलकाता की दुर्गा पूजा उत्सव को UNESCO ने सांस्कृतिक विरासत बताया है। इस मौके को, हर भारतीय के लिए गर्व और खुशी की बात बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुर्गा पूजा हमारी परम्पराओं और मूल्यों को सर्वोत्तम तरीके से प्रदर्शित करती है। कोलकाता की दुर्गा पूजा का अनुभव, हर किसी के पास होना चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि दुनिया में रहने वाले, हर बंगाली के लिए, दुर्गा पूजा उत्सव से बढ़कर है। ये ऐसी भावना है, जो सभी को जोड़ता है।
दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तैयारी महीनों पहले शुरु हो जाती है। राजधानी कोलकाता में अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाए जाते हैं। दुर्गा पूजा के खास आयोजन में शामिल होने के लिए बाहर से बड़ी संख्या लोग आते हैं। इस दौरान यहां कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
? BREAKING
Durga Puja in Kolkata has just been inscribed on the #IntangibleHeritage list.
Congratulations #India ??! ?
ℹ️https://t.co/gkiPLq3P0F #LivingHeritage pic.twitter.com/pdQdcf33kT
— UNESCO ?️ #Education #Sciences #Culture ??? (@UNESCO) December 15, 2021
UNESCO ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान, वर्ग, धर्म और जातीयता का विभाजन टूट जाता है। दुर्गा पूजा धर्म और कला के पब्लिक परफॉर्मेंस का एक अच्छा उदाहरण है। UNESCO ने भारतीयों को बधाई देते हुए ये भी कहा है कि सांस्कृतिक विरासत केवल निशानियों और वस्तुओं का संकलन नहीं है, इसमें परंपराएं और हमारे पूर्वजों की भावनाएं भी शामिल हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को मिलती हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को की इस घोषणा पर ट्विटर के जरिए खुशी जाहिर की। साथ ही पीएम मोदी ने इसे गर्व का पल बताया।
A matter of great pride and joy for every Indian!
Durga Puja highlights the best of our traditions and ethos. And, Kolkata’s Durga Puja is an experience everyone must have. https://t.co/DdRBcTGGs9
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2021
कोलकाता की दुर्गा पूजा को UNESCO सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया जाना, भारतीय संस्कृति की दुनिया में बढ़ती लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। इससे पहले 2016 में नवरोज और योग, 2017 में कुंभ मेला और 2008 रामलीला को इस लिस्ट में शामिल किया गया है।