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सीएए पर जारी घमासान के बीच यूएनएचआरसी ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को सीएए पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को सीएए पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने असम से संबंधित याचिकाओं पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया था।
अब खबर आ रही है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) मामले में दाखिल याचिकाओं के मामले में अपने को पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी। खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘जिनेवा में हमारे स्थायी दूतावास को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सूचित किया कि उनके कार्यालय ने सीएए के संबंध में भारत के उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है।’
ऐसा पहली बार हुआ है जब यूएनएचआरसी ने भारत से जुड़े किसी कानून के खिलाफ उसकी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इसे सीएए को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। रवीश कुमार ने कहा, “हमारा स्पष्ट रूप से यह मानना है कि भारत की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर किसी विदेशी पक्ष का कोई अधिकार नहीं बनता।’ उनके मुताबिक भारत का रुख साफ है कि सीएए संवैधानिक रूप से वैध है।
वहीं, दूसरी ओर भारत ने मंगलवार को ईरान के राजदूत अली चेगेनी को तलब किया और दिल्ली हिंसा के बारे में ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ द्वारा की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईरानी राजदूत को यह बताया गया कि जिस मामले पर यह टिप्पणी हुई वह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। जवाद जरीफ ने सोमवार को एक ट्वीट में इसे भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ संगठित रूप से की गई हिंसा कहा था।
भारत ने ईरान को चेताया, हमारे आंतरिक मामलों से रहें दूर
सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्विटर पर लिखा था, “ईरान भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हुई संगठित हिंसा की निंदा करता है। शताब्दियों से ईरान भारत का दोस्त रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वह सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और ऐसी घटनाओं को रोकें।”
Iran condemns the wave of organized violence against Indian Muslims.
For centuries, Iran has been a friend of India. We urge Indian authorities to ensure the wellbeing of ALL Indians & not let senseless thuggery prevail.
Path forward lies in peaceful dialogue and rule of law.
— Javad Zarif (@JZarif) March 2, 2020
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ईरान के राजदूत अली चेगेनी को तलब करते हुए कहा गया है कि जरीफ ने पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी की है। विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते विदेशी नेताओं और संस्थानों से गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से परहेज करने का आग्रह किया था।