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India-China Skirmish: सेना की किन तीन इकाइयों के बहादुर जवानों ने चीनियों को दिया तवांग में मुंहतोड़ जवाब, पूरी कहानी यहां जानिए

बीती 9 दिसंबर की रात 3 बजे करीब 600 चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय सेना की पोस्ट पर कब्जा करने की नीयत से हमला बोला। कोहरे की आड़ में चीन के सैनिक भारतीय पोस्ट की ओर बढ़े, लेकिन 17000 फिट की ऊंचाई पर बैठे भारतीय जवानों की निगाह से बच नहीं सके।

नई दिल्ली। बीती 9 दिसंबर की रात 3 बजे करीब 600 चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय सेना की पोस्ट पर कब्जा करने की नीयत से हमला बोला। कोहरे की आड़ में चीन के सैनिक भारतीय पोस्ट की ओर बढ़े, लेकिन 17000 फिट की ऊंचाई पर बैठे भारतीय जवानों की निगाह से बच नहीं सके। हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर से भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को देख लिया। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर हाथापाई और लाठी-डंडे चले। जिसमें भारतीय सेना के 6 जवान जख्मी हुए। चीन की तरफ घायल होने वालों की तादाद काफी ज्यादा रही। इस पूरी घटना में भारतीय सेना की तीन यूनिट के वीर जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया।

india china army 2

सेना के सूत्रों के मुताबिक यांगत्से में जिस जगह चीन के सैनिकों ने भारतीय पोस्ट पर धावा बोला था, वहां सेना की तीन यूनिट के जवान तैनात थे। जम्मू-कश्मीर रायफल्स, सिख लाइट इन्फेंट्री और जाट रेजीमेंट के इन वीर जवानों ने अपने साथियों की मदद से चीनियों को मार भगाया। इतना ही नहीं, एलएसी पार कर उनके इलाके में काफी देर तक रहे और वहां चीन के सैनिकों को चेतावनी देते रहे कि किसी भी सूरत में एलएसी पार करने की कोशिश न करें। चीन के सैनिक पिटाई से इतने डर गए थे, कि वे अपनी पोस्ट से बाहर आने तक की हिम्मत नहीं दिखा सके।

भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ ही गलवान जैसी घटना होने से बचा लिया। बता दें कि गलवान में साल 2020 में 20 भारतीय जवानों को चीन के सैनिकों ने शहीद कर दिया था। उस घटना में भी चीन के 3 दर्जन से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। तवांग की घटना के बाद अब भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश से पूर्वी लद्दाख तक अपनी चौकसी को और बढ़ा दिया है। विमानों, सैटेलाइट्स और ड्रोन से नजर रखी जा रही है। सेना ने साफ कर दिया है कि चीन की किसी भी हिमाकत से अच्छे से निपटा जाएगा। साथ ही 15 और 16 दिसंबर को पूर्वोत्तर राज्यों के ऊपर वायुसेना भी अपनी ताकत दिखाने जा रही है। चीन को इससे साफ संदेश दिया जा रहा है कि वो भारत को हल्के में न ले।