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UP: सीएम योगी ने वैक्सीनेशन को नई रफ्तार देने के लिए टीम-9 को दिए दिशानिर्देश

Coronavirus: कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। प्रदेश के 45 ज़िलों में आज एक भी संक्रमित नहीं हैं, जबकि 19 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं।

नई दिल्ली। कोविड टीके की दोनों खुराक पाने वालों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। यहां 03 करोड़ 90 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। प्रदेश में अब तक 14 करोड़ 14 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 10 करोड़ 24 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की लगभग 70 फीसदी है। वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है। हर जिले में निरीक्षण टीमें गठित की जाएं। यह टीम एक दिन में कम से कम दो टीकाकरण सेंटर का दौरा करे। व्यवस्थाओं को देखे। इसी प्रकार निगरानी समितियों द्वारा घर-घर स्क्रीनिंग कर अब तक वैक्सीन न ले सके लोगों की सूची तैयार की जाए। दिव्यांग, अक्षम, निराश्रित, वृद्ध जनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराएं।

कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। प्रदेश के 45 ज़िलों में आज एक भी संक्रमित नहीं हैं, जबकि 19 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 22 हजार 74 सैम्पल की जांच में 70 जिलों में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया। केवल 05 जनपदों में कुल 09 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 08 संक्रमित कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 99 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 280 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है।

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जीका वायरस की टेस्ट पॉजिटिविटी दर में लगातार गिरावट है। विगत 24 घंटे में कोई नया केस नहीं आया। कन्नौज और कानपुर में स्थिति हर दिन के साथ बेहतर हो रही है। लोगों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। इस समय विशेष सतर्कता की जरूरत है। ट्रेसिंग-टेस्टिंग और तेज की जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। बचाव के लिए व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रखें। आशा बहनों सहित निगरानी समितियों का पूरा सहयोग लिया जाए।

कतिपय जिलों में डेंगू आदि की जांच के लिए पैथोलॉजी केंद्रों द्वारा मनमाने ढंग से वसूली की सूचना मिली है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। तत्काल जांच दरों की समीक्षा कर स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं। पैथोलॉजी केंद्रों पर औचक निरीक्षण भी किया जाए। मनमाने ढंग से वसूली/मरीजों के उत्पीड़न की हर एक शिकायत को तत्परता से संज्ञान लिया जाए। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या के स्थायी निदान के लिए नियोजित प्रयास की आवश्यकता है। लोगों को निजी वाहन के स्थान पर परिवहन के सार्वजनिक साधनों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करें। पराली न जलाने के लिए किसानों से संवाद किया जाए।प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप में की जा रही है। पीएम केयर से स्वीकृत कुल 128 प्लांट्स एक्टिव हो चुके हैं। इस तरह अब तक विभिन्न जिलों में कुल 517 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किये जा चुके हैं। शेष प्लान्ट की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए।

बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित सभी किसान भाइयों को तत्काल फसल क्षतिपूर्ति की जाए। अब तक 06 लाख किसानों को ₹200 करोड़ की क्षतिपूर्ति की जा चुकी है। शेष चिन्हित किसानों को भी तत्काल भुगतान किया जाए। एक भी किसान, जिसकी फसल बाढ़/अतिवृष्टि से खराब हुई हो, उनकी क्षतिपूर्ति जरूर की जाए। यह कार्य पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ किया जाए। प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी धान क्रय केंद्रों पर व्यवस्था सुचारु बनी रहे। जिलाधिकारी स्वयं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें। जिलों में नोडल अधिकारी एक्टिव रहें। किसानों को भुगतान में देरी न हो। निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की स्थिति की मुख्य सचिव स्तर से विस्तृत समीक्षा की जाए। गो-आश्रय स्थलों पर हरे चारे की पर्याप्त उपलब्धता और ठंड से बचने के प्रबंध होने चाहिए।