नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी काफी उत्साहित नजर आ रही है। बता दें कि यूपी के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए 3 जुलाई को मतदान होना है। ऐसे में यूपी के 21 जिले ऐसे हैं, जहां भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं एक सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को निर्विरोध जीत हासिल हुई है। अब बची 53 सीटों पर 3 जुलाई को वोटिंग होगी। जिसमें हाल ही में हुए जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जीते प्रत्याशी अपना वोट डालेंगे। मालूम हो कि 3 जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। इसी दिन 3 बजे बाद मतगणना होगी।
इन जिलों में चुने गए निर्विरोध प्रत्याशी
वहीं जिन जिलों में निर्विरोध प्रत्याशी जीत दर्ज किए हैं, उनमें उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद शामिल ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत, शाहजहांपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
अखिलेश यादव ने निकाला अपने जिलाध्यक्षों पर गुस्सा
वहीं इसके पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने 11 जिलाध्यक्षों पर गाज गिरा दी। बता दें कि यूपी में गोरखपुर, भदोही, गोंडा समेत 11 जिले ऐसे में हैं जहां पर समाजवादी पार्टी ने अपने जिलाध्यक्षों को कार्यमुक्त कर दिया है। वहीं जिन जिलों में सपा ने अपने जिलाध्यक्षों को बर्खास्त किया है, उनमें गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर शामिल हैं। बता दें इन जिलों के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया है। पद से हटाने का आधिकारिक आदेश भी सपा की तरफ से जारी कर दिया गया है।