नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जो कि 6 अगस्त तक चलेगा। इसी बीच मॉनसून सत्र से पहले संसद में असंसदीय भाषा को लेकर लोकसभा सचिवालय ने गाइडलाइंस जारी की है। जिसमें संसद के दौरान भ्रष्ट, जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, ड्रामा, लॉलीपॉप, बालबुद्धि,शर्म, विश्वासघात, शकुनि जैसे शब्द नहीं बोले जा सकेंगे। खास बात ये है कि इस लिस्ट में ऐसे शब्द शामिल किए गए है जिनका बोल चाल में अमूमन इस्तेमाल किया जाता है। लिस्ट जारी होने के बाद अब इन शब्दों को असंसदीय भाषा की श्रेणी में डाला गया है। उसको लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है। कई शब्द ऐसे है जो बोलचाल की भाषा में अक्सर इस्तेमाल होते है। लेकिन अब शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
संसद में अब इन शब्दों का नहीं होगा इस्तेमाल
आपको बता दें कि इन शब्दों में गद्दार, कत्ल, अक्षम, कुकर्म, अपमान, अवसाद, असत्य, अनपढ़, काला दिन, खालिस्तानी, खून से खेती, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, गुंडा, चोर, जयचंद, जुमलाजीवी आदि। ये वो शब्द है जिन्हें अब संसद की नई गाइडलाइन में इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि संसद में बहस के दौरान इन शब्दों को प्रयोग करते हुए पाया गया तो उन्हें कार्रवाई से निकाल दिया जाएगा।
अब इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। संसद में जिन शब्दों के प्रयोग न करने पर रोक लगाई है उस लिस्ट को देखकर अब विपक्ष बौखला गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, न्यू इंडिया के लिए न्यू डिक्शनरी।
New Dictionary for New India. pic.twitter.com/SDiGWD4DfY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 14, 2022
वहीं इस मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, मैं अगर संसद में बोलूगां कि मोदी सरकार पर फूल फेंककर मारूंगा, क्योंकि आपने नौजवानों को बेरोजगार बना दिया है। आगे उन्होंने कहा कि मैं संसद में बोलूगां कि देश के प्रधानमंत्री और उनकी सरकार पर फूल फेंक कर मारूंगा, क्योंकि देश के युवाओं का मुकद्दर बेरोजगार बना दिया। उधर आप आदमी पार्टी ने भी सरकार के इसका नए आदेश पर आपत्ति जताई है।
आपको बता दें कि वक्त-वक्त पर लोकसभा सचिवालय ऐसे शब्दों को असंसदीय शब्दों की लिस्ट में शामिल करता रहता है। जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्य विधान सभाओं और विधान परिषदों द्वारा असंसदीय शब्द बता कर कार्यवाही से हटाया जाता है।