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Uttarakhand Topper Success Story: सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहते हैं मुकुल, ऐसे बने उत्तराखंड टॉपर

Uttarakhand Topper Success Story: मुकुल के मुताबिक, उन्होंने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादा समय तक पढ़ाई के लिए किया। हाईस्कूल के बोर्ड एग्ज़ाम में 99 परसेंट नंबर लाने वाले वाले मुकुल ने गणित और सोशल साइंस में 100-100 अंक हासिल किए हैं। मुकुल सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करने का सपना पूरा करना चाहते हैं। मुकुल इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोई ट्यूशन नहीं लिया।

नई दिल्ली। उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के नतीजे सोमवार शाम को जारी कर दिए गए जिनमें टिहरी जिले के सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार के छात्र मुकुल सिलस्वाल ने 99 प्रतिशत अंकों के साथ हाईस्कूल टॉप किया है। इसके अलावा हरिद्वार की दीया राजपूत ने इंटरमीडिएट में पहले नंबर पर रहीं। उत्तराखंड बोर्ड के हाइस्कूल टॉपर मुकुल सिलस्वाल की कहानी बेहद प्रेरणादायक है, उनके मन में देश सेवा के अरमान हैं। इस खबर में हम आपको मुकुल सिलस्वाल की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं। मुकुल ने नियमित चार से पांच घंटे की पढ़ाई कर वो मुकाम हासिल किया है जो हर स्कूली छात्र का अल्टीमेट गोल होता है। मुकुल के मुताबिक, उन्होंने मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादा समय तक पढ़ाई के लिए किया। हाईस्कूल के बोर्ड एग्ज़ाम में 99 परसेंट नंबर लाने वाले वाले मुकुल ने गणित और सोशल साइंस में 100-100 अंक हासिल किए हैं। मुकुल सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करने का सपना पूरा करना चाहते हैं। मुकुल इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोई ट्यूशन नहीं लिया।

mukul silswal
मुकुल के पिता राकेश सिलस्वाल पूर्व प्रधान हैं जबकि उनकी मां पूजा सिलस्वाल कमांद में गारमेंट्स की दुकान चलाती हैं। मुकुल स्कूल के अलावा घर पर ही नियमित पढ़ाई करके उत्तराखंड टॉपर बने हैं। मुकुल बताते हैं कि उन्होंने मैथमेटिक्स और साइंस के सवालों को समझने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल किया। मुकुल के बड़े भाई अतुल भी साल 2017 की हाईस्कूल परीक्षा में टॉपर रहे थे। वो इस वक्त एसआरटी परिसर बादशाहीथौल से बीएससी की पढ़ाई कर रहे हैं। एथलेटिक्स के खिलाड़ी मुकुल ने डिस्ट्रिक्ट लेवल की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं। मुकुल का कहना है कि कॉलेज के प्रिंसिपल प्रवीन जगूड़ी उन्हें लगातार गाइड करते थे।