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Uttarakhand: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले उत्तराखंड के किसान नेता, किया कृषि कानून का समर्थन

Uttarakhand: अब हरियाणा (Haryena) के बाद उत्तराखंड (Uttrakhand) के किसान संगठन (Kisan Sangathan) के नेता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मिलने पहुंचे। यहा पहुंचकर इन किसान संगठन के नेताओं ने इन तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन देने की बात कृषि मंत्री से कही।

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं को घेरकर बैठे किसान एक तरफ 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं कृषि कानूनों को कई किसान संगठन अपना समर्थन भी दे रहे हैं। कृषि कानूनों को समर्थन देनेवाले किसान संगठन के नेता इसमें कुछ संशोधन की बात जरूर कर रहे हैं लेकिन वह इन कानूनों को लेकर सरकार के साथ खड़े हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री से कुछ दिन पहले किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के किसान संगठनों के कुछ नेता मिले थे और उन्होंने सरकार के इन तीन कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया था इसके साथ ही कृषि कानून में कुछ संशोधन की मांग भी की थी।

Uttrakhand Farmers with Narendra Singh Tomar1

अब हरियाणा के बाद उत्तराखंड के किसान संगठन के नेता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने पहुंचे। यहा पहुंचकर इन किसान संगठन के नेताओं ने इन तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन देने की बात कृषि मंत्री से कही। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी उपस्थित थे।


उत्तराखंड के किसान नेताओं से मुलाकात के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज उत्तराखंड के किसानों ने कृषि कानूनों को समर्थन देते हुए मुझसे मुलाकात की। मैं उन किसानों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कानूनों को समझा, अपने विचार व्यक्त किए और इसका समर्थन किया।


इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर जमकर विपक्षी पार्टियों पर बरसे और उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम इन कानूनों पर विरोध करना और देश को गुमराह करना है। विपक्ष ने धारा 370 को हटाने, राम मंदिर और CAA का भी विरोध किया था।

Uttrakhand Farmers with Narendra Singh Tomar1

वहीं किसान आंदोलन की आग और बढ़ती जा रही है किसान सरकार के खिलाफ कर एक दिन के अनशन पर बैठने वाले हैं वहीं कई राजनीतिक दल भी किसानों के समर्थन में पहले से खड़े हुए हैं। ऐसे में इन कानूनों को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।