नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं को घेरकर बैठे किसान एक तरफ 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं कृषि कानूनों को कई किसान संगठन अपना समर्थन भी दे रहे हैं। कृषि कानूनों को समर्थन देनेवाले किसान संगठन के नेता इसमें कुछ संशोधन की बात जरूर कर रहे हैं लेकिन वह इन कानूनों को लेकर सरकार के साथ खड़े हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री से कुछ दिन पहले किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के किसान संगठनों के कुछ नेता मिले थे और उन्होंने सरकार के इन तीन कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया था इसके साथ ही कृषि कानून में कुछ संशोधन की मांग भी की थी।
अब हरियाणा के बाद उत्तराखंड के किसान संगठन के नेता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने पहुंचे। यहा पहुंचकर इन किसान संगठन के नेताओं ने इन तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन देने की बात कृषि मंत्री से कही। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी उपस्थित थे।
Today farmers from Uttarakhand met me in support of the #FarmLaws. I would like to thank the farmers who understood the laws, expressed their views and supported it: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar. https://t.co/utiJh3L6Vp pic.twitter.com/u2vQB2fAPc
— ANI (@ANI) December 13, 2020
उत्तराखंड के किसान नेताओं से मुलाकात के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज उत्तराखंड के किसानों ने कृषि कानूनों को समर्थन देते हुए मुझसे मुलाकात की। मैं उन किसानों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कानूनों को समझा, अपने विचार व्यक्त किए और इसका समर्थन किया।
आज कृषि भवन, नई दिल्ली में अनेक किसानों व संगठन-प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर उन्हें कृषि सुधारों के लिए धन्यवाद दिया और नए कृषि कानून निरस्त नहीं करने की मांग की। pic.twitter.com/Zqo2tnYcnS
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) December 12, 2020
इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर जमकर विपक्षी पार्टियों पर बरसे और उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम इन कानूनों पर विरोध करना और देश को गुमराह करना है। विपक्ष ने धारा 370 को हटाने, राम मंदिर और CAA का भी विरोध किया था।
वहीं किसान आंदोलन की आग और बढ़ती जा रही है किसान सरकार के खिलाफ कर एक दिन के अनशन पर बैठने वाले हैं वहीं कई राजनीतिक दल भी किसानों के समर्थन में पहले से खड़े हुए हैं। ऐसे में इन कानूनों को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।