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Gyanvapi Masjid ASI Survey Report: रामलला तो अपने मंदिर में स्थापित हो गए, अब कल का दिन ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इस वजह से है अहम

Gyanvapi Masjid ASI Survey Report: ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हिंदू पक्ष की अर्जी पर जिला जज ने कराया है। इससे पहले वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन ने कोर्ट कमिश्नर का सर्वे कराया था। कोर्ट कमिश्नर की जो रिपोर्ट आई थी, उसमें ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू प्रतीक चिन्ह मिलने की बात कही गई थी।

वाराणसी। भगवान रामलला सोमवार को अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में स्थापित हो चुके हैं। अब कल का दिन वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अहम साबित हो सकता है। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश कल इस बारे में अपना फैसला सुना सकते हैं कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए या नहीं। हिंदू पक्ष ने एएसआई सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अपील जिला जज से की थी। इस पर दो बार की सुनवाई के बाद वाराणसी के जिला जज ने 24 जनवरी की तारीख तय की थी। अगर ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे की रिपोर्ट को उन्होंने सबके लिए जारी करने का फैसला किया, तो इससे मामले में नया मोड़ आ सकता है।

Varanasi Gyanvapi Case

ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हिंदू पक्ष की अर्जी पर जिला जज ने कराया है। इससे पहले वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन ने कोर्ट कमिश्नर का सर्वे कराया था। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे की जो रिपोर्ट आई थी, उसमें ज्ञानवापी मस्जिद में तमाम हिंदू प्रतीक चिन्ह मिलने की बात कही गई थी। इसके बाद ही ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के टैंक के अलावा पूरे परिसर का एएसआई सर्वे का फैसला कोर्ट ने किया था। मस्जिद कमेटी ने एएसआई सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। एएसआई ने लंबे वक्त तक ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर उसकी रिपोर्ट वाराणसी के जिला जज को सौंप दी है।

gyanvapi masjid

हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर वाराणसी के तमाम मंदिरों का विध्वंस किया गया था। हिंदू पक्ष के मुताबिक औरंगजेब के आदेश पर वाराणसी में प्राचीन काशी विश्वेश्वर के मंदिर को भी तोड़ा गया। फिर उसके ऊपर मस्जिद बना दी गई। हिंदू पक्ष अपने दावे के पक्ष में मस्जिद के पीछे दीवार और नंदी की प्रतिमा होने के अलावा ज्ञानवापी में तमाम हिंदू प्रतीक चिन्ह होने की बात कहता है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद को कोई मंदिर तोड़कर नहीं बनाया गया। अब सबकी नजर इस पर है कि एएसआई के सर्वे की रिपोर्ट ज्ञानवापी के बारे में क्या खुलासा करती है।