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Flag Hoisting On New Parliament Building: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन पर किया ध्वजारोहण, 19 सितंबर से यहां चलेगी कार्यवाही

नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा को देश के राष्ट्रीय प्रतीकों के अंदाज में सजाया गया है। लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मोर के रंग और राज्यसभा को राष्ट्रीय पुष्प कमल के डिजाइन में बनाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा में आने वाले दिनों में सांसदों की संख्या बढ़ने के हिसाब से ज्यादा सीटें भी हैं।

नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन पर आज राष्ट्रध्वज फहराया। इसी के साथ नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत हो सकेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इससे पहले नए संसद भवन के लिए पूजा-पाठ किया था और लोकसभा कक्ष में पवित्र सेंगोल की स्थापना की थी। आज नए संसद भवन पर ध्वजारोहण के मौके पर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन के अलावा संसद में मौजूद पार्टियों के नेता मौजूद रहे। ध्वजारोहण के दौरान मौजूद गारद ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी भी दी।

जानकारी के मुताबिक नए संसद भवन में 19 सितंबर से बैठकों की शुरुआत होगी। कल से संसद का 5 दिन का विशेष सत्र होने जा रहा है। संसद का विशेष सत्र पुराने भवन से शुरू होगा और फिर 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के पर्व पर पूजा-पाठ के बाद नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएगा। आज नए संसद भवन पर ध्वजारोहण के मौके पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे न्योता देने के बाद भी मौजूद नहीं रह सके। खरगे ने राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को चिट्ठी लिखकर बताया है कि उनको 15 सितंबर की देर शाम न्योता मिला। उससे पहले हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति का कार्यक्रम तय हो चुका था। कांग्रेस कार्यसमिति के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की वजह से वो नए संसद भवन पर ध्वजारोहण समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे।

नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा को देश के राष्ट्रीय प्रतीकों के अंदाज में सजाया गया है। लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मोर के रंग और राज्यसभा को राष्ट्रीय पुष्प कमल के डिजाइन में बनाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा में आने वाले दिनों में सांसदों की संख्या बढ़ने के हिसाब से ज्यादा सीटें भी हैं। इसके अलावा नए संसद भवन में एंट्री वगैरा को भी पूरी तरह तकनीकी आधारित बनाया गया है। सुरक्षा यहां की चाक चौबंद रखी गई है और बिना इजाजत परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।

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