नई दिल्ली। शून्य से शिखर तक सफर तय करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आज भी गुरूर की तासीर नजर नहीं आती है। आज भी वो खुद को जनता के समक्ष सहज और सरल व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत करते है। कई मौकों पर वीवीआई कल्चर को छोड़कर पीएम मोदी आम जनसा की तरह नजर आते है। चाहे दिल्ली मेट्रो में सफर करना हो, या फिर लोगों की मदद करना। हमेशा ही अपने सरल व्यक्तित्व को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते थे। 2014 से केंद्र की सत्ता में काबिज होने वाले प्रधानमंत्री मोदी आज भी बहुत सरल व्यक्ति है। इसकी कहानी खुद गुजरात की एक महिला ने बयां की है। अर्चना पटेल ने बताया कि, जब उन्हें पहली बार मिलने का मौका मिला। तो उन्होंने मुझसे पूछा किशोरी लाल अभी भी शिक्षक है क्या, मैंने बताया कि वो अब प्रिसिंपल हो चुके है। इसके बाद फिर अर्चना ने इस बात की जानकारी किशोरी लाल को दी। उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी ऐसे बात नहीं कर सकते है।
इसके बाद अर्चना ने बताया कि पीएम मोदी को फोन मिलाया। 2-3 मिनट के अंदर उनके कार्यकर्ता का फोन आया है कि नरेंद्र मोदी बात करना चाहते है। तभी उनको इतना आर्श्चय हुआ। पीएम मोदी ने कहा मेरी नाक, कान, दिल नहीं है मैं क्यों बात नहीं कर सकता हूं। पीएम मोदी का इतना सरल स्वभाव है कि वो किसी के साथ भी बात करत सकते है। वो भी इतनी पुरानी बात है कि मेरे अंक्ल किशोरी लाल 65 साल के है। नरेंद्र मोदी जब शाखा में जाते थे 25 पहले की बात है। उस टाइम की बात याद रही।
નરેન્દ્રભાઈ ખૂબ જ સરળ સ્વભાવના વ્યક્તિ છે.
જાણો, દેશના પ્રધાનસેવક શ્રી @narendramodi જી વિશે શ્રીમતી અર્ચનાબેન પટેલે શું કહ્યું…#SevakBharatKa pic.twitter.com/7E9gP3SZ4b
— BJP Gujarat (@BJP4Gujarat) September 29, 2023
आगे अर्चना पटेल ने बताया कि जब वो सीएम रहे तो काफी बार उनसे मिलने का मौका मिला। 2-4 विषय थे मैंने हमेशा बच्चों के साथ काम किया। शिक्षण के साथ काम किया है। एक पौष्टिक आहार का विषय था..मैं मिलने के लिए गई…थोड़ा ब्रेक था पौष्टिक आहार के लिए मुझे ऐसे बताया..एक एजेंसी मिलने आई थी उनको मिलने के लिए.. उनको लगा ये पौष्टिक आहार चखा कर देखिए आपको पसंद आएगा…तो बच्चों को भी पसंद आएगा। उन्होंने (नरेंद्र मोदी) बताया इस चीज पर मेरा अधिकार नहीं है.. इस पर बच्चों का अधिकार है.. मैं इसको चख भी नहीं सकता.. उस दिन से मुझे ऐसा प्ररेणा लगा कि जिस चीज पर जिसका अधिकार है.. उसकी को वो चीज मिलनी चाहिए। ऐसा मुझे नरेंद्र मोदी भाई से सीखने को मिला।